











खाजूवाला, खाजूवाला में निरंकारी सत्संग का आयोजन किया गया। जिसमें इलाहबाद के महात्मा अशोक ने साध संगत को उद्बोधित किया।
मीडिया प्रभारी सुरजीत वर्मा ने बताया कि महात्मा अशोक ने उद्बोधित देते हुए कहा कि मनुष्य जीवन व सत्संग सतगुरु की अपार कृपा से मिलती है। सत्संग मिलता मनुष्य का परम सौभाग्य है। सतगुरु के बताए मार्ग पर चलने से मनुष्य जीवन आनन्दमय बन जाता है। निन्दा, अहंकार, वैर इत्यादि मनुष्य को ईश्वर भक्ति से विमुख करते है। ब्रह्मज्ञान ही सर्वोत्तम ज्ञान है निन्दा करने से मनुष्य द्वारा की गई सत्संग, सेवा व सिमरण निसफल हो जाते है। भक्त कभी भी सतगुरु से गिला शिकवा नहीं करता बल्कि सैदव सतगुरु का तहेदिल से शुक्रगुजार करता है। इस मौके पर राकेश, कमलेश, लक्ष्मी, मलकीत सिंह, गंगूराम, रणवीत मजोका, मुखी महेन्द्र सिंह ने भजनों व विचारों के द्वारा सतगुरु की महिमा का गुणगान किया।

