मां-बाप अपनी संतानों को साहूकार बनाना चाहते हैं तो संगति पर रखनी होगी पैनी नजर- स्वामी सच्चिदानंद

कथा का यज्ञ व हवन के साथ आज होगा समापन


खाजूवाला, गो.गोपी व गीता के सरंक्षण व सवधर्न हेतु भगवान श्री कृष्ण ने लीला अवतार धारण किया।यह विचार स्वामी सच्चिदानंद आचार्य ने श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के छठे दिन प्रवचन में दिए। श्री सत्यवादी वीर तेजाजी धाम 30 केवाईडी के प्रांगण में प्रवचन देते हुए मंहत सच्चिदानंद ने कहा कि मां-बाप यदि अपनी संतानों को साहूकार बनाना चाहते हैं तो जिस प्रकार चोर पर नजर रखते हैं वैसे ही स्वयं की संतति पर भी नजर रखनी चाहिए। संस्कारी संतति ही नैतिक मूल्यों पर चलकर सुंदर समाज व राष्ट्र का निर्माण करती है। उन्होंने बताया कि श्रीमद्भागवत में विज्ञान की संपदा भरी पड़ी है इस ग्रंथ में विद्याओं का वर्णन है जिस पर चलकर ने केवल जीवन सुधारा जा सकता है बल्कि मृत्यु के भय से मुक्त हुआ जा सकता है। कथा में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का मनोरम चित्रण करते हुए कहा कि कृष्ण चरित्र अलौकिक दृष्टि से बोधगम्य नहीं होता है। पुजारी रामेश्वर लाल गोदारा ने बताया कि 12 अप्रैल से शुरू हुई श्रीमद् भागवत कथा 18 अप्रैल को समापन होगा कथा के अंतिम दिन मंगलवार को दिन में 10:15 बजे से 12:00 बजे तक कथा होगी। इस दौरान यज्ञ व हवन किया जाएगा। तत्पश्चात भण्डारा होगा। रात्रि को तेजाजी महाराज की अमर जोत होगी ओर जागरण का आयोजन किया जाएगा।