इमिग्रेशन फ्रॉड: फर्जी यूनिवर्सिटी में एडमिशन के नाम पर 33 लाख से ज्यादा की ठगी, युवक UK पहुंचकर हुआ ठगी का शिकार

R.खबर ब्यूरो। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले में स्टडी वीज़ा के नाम पर बड़ा इमिग्रेशन फ्रॉड सामने आया है। साधुवाली निवासी राजकुमार ने अपने बेटे सागर के साथ लाखों रुपये की ठगी का आरोप लगाते हुए कोतवाली पुलिस में मामला दर्ज कराया है। पीड़ित के अनुसार जब सागर यूके के ब्रिस्टल पहुंचा तो उसे पता चला कि जिस यूनिवर्सिटी में उसका दाखिला बताया गया था, वह असल में अस्तित्व में ही नहीं है।

मई 2025 में शुरू हुई ठगी की कहानी:-

शिकायत के मुताबिक, मई 2025 में राजकुमार और सागर की मुलाकात अनुराग नाम के एक युवक से हुई, जिसने खुद को इमिग्रेशन विशेषज्ञ बताया और यूके, दुबई व ब्रिटेन की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटियों से संपर्क होने का दावा किया। अनुराग ने 22 लाख में स्टडी वीज़ा, टिकट और फीस की पूरी प्रक्रिया कराने का भरोसा दिया।

नकली भरोसा: खुद की पहचान से बैंक लोन भी दिलवाया

परिवार की आर्थिक परेशानी जानने के बाद अनुराग ने दावा किया कि उसका एक परिचित करण बैंक में काम करता है, जो स्टडी लोन स्वीकृत करवा देगा। कुछ ही समय में सागर के नाम पर 35 लाख रुपये का लोन पास हो गया, जिससे परिवार का विश्वास और मजबूत हो गया। इसके बाद अनुराग उन्हें एच ब्लॉक स्थित ASN इमीग्रेशन ऑफिस ले गया, जहां उसने नवल और साहिल नामक युवकों से मिलवाया।

चेकबुक–एटीएम कार्ड ले उड़े आरोपित, खाते से उड़ा दिए लाखों

परिजनों का आरोप है कि तीनों युवकों ने एडमिशन प्रक्रिया का हवाला देते हुए सागर की चेकबुक, एटीएम कार्ड, पासवर्ड और अन्य दस्तावेज अपने पास रख लिए। उनका कहना था कि यूनिवर्सिटी में दाखिले के बाद तुरंत फीस ट्रांसफर करनी होती है। इस भरोसे में पीड़ित ने दस्तावेज थमा दिए। कुछ ही दिनों में सागर के बैंक खाते से 33.87 लाख रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए गए।

ब्रिस्टल की फर्जी यूनिवर्सिटी का झांसा:-

अनुराग ने दावा किया था कि सागर का एडमिशन ब्रिस्टल की एक यूनिवर्सिटी में करवा दिया गया है और जल्द ही वीज़ा मिल जाएगा। 3 अगस्त को सभी दिल्ली पहुंचे, जहां से सागर यूके रवाना हुआ। लेकिन ब्रिस्टल पहुंचते ही उसे पता चला कि उस नाम की कोई यूनिवर्सिटी मौजूद ही नहीं है। घबराए सागर ने पिता को फोन कर जानकारी दी, जिसके बाद राजकुमार ने अनुराग से संपर्क करना चाहा, लेकिन उसने फोन उठाना बंद कर दिया।

ऑफिस पहुंचने पर आरोपियों का चौंकाने वाला बयान:-

राजकुमार जब अपने परिचित के साथ इमीग्रेशन ऑफिस पहुँचा तो वहां अनुराग और साहिल मिले। पीड़ित के अनुसार दोनों ने खुले शब्दों में कहा कि वे “सपने दिखाकर लोगों को ठगते हैं” और पहले भी कई शिकायतें दर्ज हो चुकी हैं। उन्होंने पैसे लौटाने और दस्तावेज वापस करने से भी मना कर दिया।

राजकुमार ने पुलिस से आरोपियों पर सख्त कार्रवाई, FIR दर्ज करने, तथा चेकबुक, एटीएम कार्ड, दस्तावेज और ठगी गई राशि बरामद करवाने की मांग की है। पुलिस ने मामला दर्ज कर बीएनएस की धारा 318(4), 316(2) और 61(2) के तहत जांच शुरू कर दी है।