जयपुर: ट्रॉमा इंचार्ज ने 2 द‍िन पहले ही बता द‍िया था वार्ड में फैलता है करंट, सोता रहा SMS अस्‍पताल प्रशासन

R.खबर ब्यूरो। जयपुर के एसएमएस अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार देर रात लगी आग से छह मरीजों की मौत हो गई। आग लगने का कारण शॉर्ट-सर्किट बताया जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज ने दो दिन पहले ही अस्पताल प्रशासन को पत्र लिखकर चेताया था कि वार्ड में करंट फैल रहा है और निर्माण कार्यों से विद्युत उपकरणों को नुकसान पहुंच सकता है। इसके बावजूद प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।

बारिश के पानी से दीवारों में करंट फैलने की आशंका जताई थी:-

9 सितंबर को ट्रॉमा इंचार्ज ने अस्पताल अधीक्षक को पत्र लिखकर सूचित किया था कि सेंटर में चल रहे निर्माण कार्य और बारिश के पानी के रिसाव के कारण दीवारों और बिजली के बोर्ड में करंट फैलने की स्थिति बन रही है। उन्होंने तत्काल निर्माण कार्य और रिसाव की समस्या के समाधान की मांग की थी, लेकिन उस पर ध्यान नहीं दिया गया।

3 अक्टूबर को भी दी थी चेतावनी:-

इसके बाद 3 अक्टूबर को ट्रॉमा सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ. अनुराग धाकड़ ने विद्युत एवं अभियांत्रिकी शाखा के प्रभारी को फिर पत्र लिखकर आगाह किया था कि निर्माण कार्य के दौरान गिरने वाला मलबा डक्ट, वीआरवी सिस्टम और अन्य उपकरणों को क्षतिग्रस्त कर सकता है। उन्होंने आग्रह किया था कि निर्माण कार्य सावधानीपूर्वक किया जाए ताकि संसाधनों को नुकसान न पहुंचे।

अब उठ रहे हैं प्रबंधन पर सवाल:-

इन लगातार चेतावनियों के बावजूद अस्पताल प्रशासन ने कोई कदम नहीं उठाया। रविवार रात लगी आग के बाद अब अस्पताल प्रबंधन और उसकी लापरवाही पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। शुरुआती जांच में आग का कारण शॉर्ट-सर्किट माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समय रहते चेतावनी पर ध्यान दिया जाता, तो यह बड़ा हादसा टाला जा सकता था।