











वायु सेना दिवस पर झुंझुनूं के शहीद सार्जेंट सुरेंद्र मोगा को मिला ‘वायु सेना मेडल (वीरता)’ सम्मान, पत्नी सीमा मोगा ने लिया सम्मान
R.खबर ब्यूरो। देश की रक्षा में सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर सपूतों को जब सम्मान मिलता है, तो गर्व और आंसू दोनों साथ बह निकलते हैं। 93वें वायु सेना दिवस पर बुधवार को ऐसा ही एक गौरवशाली और भावुक क्षण देखने को मिला।
राजस्थान के झुंझुनूं जिले के वीर सपूत शहीद सार्जेंट सुरेंद्र मोगा को मरणोपरांत भारतीय वायु सेना मेडल (वीरता) से सम्मानित किया गया। गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पर आयोजित भव्य समारोह में वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह ने यह सम्मान शहीद की पत्नी सीमा मोगा को प्रदान किया।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ में दिखाई थी अदम्य वीरता:-
सार्जेंट सुरेंद्र मोगा को यह सम्मान ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान प्रदर्शित असाधारण साहस, कर्तव्यनिष्ठा और समर्पण के लिए दिया गया है। जब एयर चीफ मार्शल ने वीरांगना सीमा मोगा को आगे बढ़कर यह सम्मान सौंपा, तो समारोह स्थल पर मौजूद हर व्यक्ति की आंखें नम हो उठीं।
यह मेडल केवल एक धातु का प्रतीक नहीं, बल्कि उस अमर बलिदान की निशानी है जो शहीद मोगा ने मातृभूमि की रक्षा करते हुए दिया।
सुरेंद्र मोगा झुंझुनूं जिले के मंडावा उपखंड के मेहरादासी गांव के निवासी थे। उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में भी हिम्मत नहीं हारी और देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।
देशभक्ति से सराबोर है पूरा परिवार:-
शहीद सुरेंद्र मोगा का परिवार पीढ़ियों से देश सेवा में समर्पित रहा है। उनके पिता शिशुपाल मोगा केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) से सेवानिवृत्त हैं। उनके चाचा प्यारेलाल मोगा भारतीय सेना से रिटायर हुए हैं, जबकि ससुर रामनिवास मील भारतीय वायु सेना से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। ऐसे परिवार के वीर सपूत का बलिदान पूरे देश के लिए प्रेरणा है।
समारोह के दौरान वीरांगना सीमा मोगा की दृढ़ता और गरिमा ने सभी का दिल छू लिया। वह अपने पति के वीरता मेडल को लेकर लौटीं — जो अब न केवल झुंझुनूं, बल्कि पूरे राजस्थान और भारत का गर्व बन गया है।

