खाजूवाला मामला : पूरे दिन फिर चला वार्ताओं का दौर, शाम को बनी सहमति


जिसकी जितनी भूमिका, उसे उतनी सजा जरूर मिलेगी: कमिश्नर
दोषियों को किसी भी सूरत में बक्शा नहीं जायेगा:आईजी

प्रशासन की सख्ती के बाद बनी सहमति से हुआ मिट्टी दाग


थानाधिकारी अरविन्द सिंह शेखावत को किया गया निलम्बित


खाजूवाला, पिछले चार दिनों से चल रहा धरना और प्रदर्शन सहमति के बाद समाप्त हुआ और मृतका युवती के शव को मिट्टी दी गई। परिवारजन और जनप्रतिनिधियों के साथ कई दौर की वार्ता के बाद सहमति बन पाई। आखिरी दौर की वार्ता में जब संस्कार की बात हुई तो सहमति जताने वाले परिवारजन के लोग ही आपस में उलझ गये और संस्कार से मना कर दिया। प्रशासन ने सख्ती का रुख दिखाते हुए आरएससी और एसटीएफ को जैसे ही संस्कार की तैयारी करने के लिए तैनात किया तो परिवारजनों आखिरी वार्ता की और संस्कार के लिए सहमत हो गये। ऐसे में यहां सवाल भी उठता है कि जो वार्ता जनप्रतिनिधियों के साथ हुई उसे परिवारजनों ने भी नहीं माना। संभागीय आयुक्त ने परिवाजनों को कहा कि जिसने जितना अपराध किया है, उसे सजा अवश्य मिलेगी। दो दिन पूर्व भी परिवारजन नामजद मुल्जिमानों की गिरफ्दारी और थानाधिकारी को निलम्बित करने की मांग पर ही अड़े थे, तब पुलिस महानिरीक्षक ने बिना जांच के निलम्बन के लिए मना किया था, लेकिन एक पुलिस कॉस्टेबल को बर्खास्त किया गया और दूसरे के खिलाफ जांच करने तथा शुक्रवार को पूर्व थानाधिकारी अरविंद सिंह को निलम्बित किया गया। तो ही परिवारजन संस्कार के लिए सहमत हुए।


संभागीय आयुक्त नीरज के पवन, पुलिस महानिरीक्षक ओमप्रकाश पासवान, जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल, पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम खाजूवाला पहुंचे तथा परिवारजनों और धरनार्थियों के साथ कई दौर की वार्ता की। वार्ता के दौरान कभी सहमति बनती तो कभी बिगड़ती, ऐसा दौर चलता रहा।

इसी बीच भाजपा प्रदेश का डेलिगेशन जिसमे अजमेर विधायक अनिता भदेल, विनीत सेठ, कैलाश मेघवाल की टीम ने मीडिया को बताया कि प्रदेश में कानून नाम की कोई चीज नहीं है और जंगलराज है। उन्होंने प्रियंका गांधी, अशोक गहलोत तथा कांग्रेस को आडे़ हाथों लिया और कांग्रेस पर जमकर भड़ास निकाली। दिन भर धरनार्थियों को सम्बोधित करने का सिलसिला लगातार जारी रहा तथा पुलिस-प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगते रहे।


पुलिस थाना हॉल में दोपहर बाद संभागीय आयुक्त नीरज के पवन, पुलिस महानिरीक्षक ओमप्रकाश पासवान, जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल, पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने भाजपा प्रतिनिधियों तथा परिवारजनों से अलग-अलग वार्ता की। वार्ता के दौरान परिवारजनों ने कहा कि पहले मुल्जिमानों को गिरफ्तार किया जाये, फिर संस्कार किया जायेगा। संभागीय आयुक्त ने कहा कि मृतका के प्रकरण में जो भी दोषी होगा, उसको सजा जरूर मिलेगी। कोई थोड़ा दोषी होगा तो उसे थोड़ी सजा मिलेगी और जो ज्यादा दोषी होगा, उसे ज्यादा सजा मिलेगी। दोषी जो भी होगा, उसे उसके कृत्य की सजा जरूर दिलवाई जायेगी। उन्होंने कहा कि मृतका हमारी बेटी है, हम सब एक ही परिवार के सदस्य हैं, ऐसे में हमें परिवार के साथ पूरा न्याय करेंगे। दोषी जो भी होगा, उसे किसी भी सूरत में भागने नहीं दिया जायेगा। पूर्व के थानाधिकारी के खिलाफ परिवाद मिले हैं, उनको को भी गहराई से लिया जायेगा। परिवार के एक व्यक्ति को खाजूवाला में ही संविदा पर सरकारी नौकरी दी जायेगी।


पुलिस महानिरीक्षक ओमप्रकाश पासवान ने कहा कि प्रथम दृष्टया दो सिपाहियों को निलम्बित किया गया था और जैसे ही दोष साबित हुआ एक सिपाही मनोज कुमार को बर्खास्त कर दिया गया है। अगर इस प्रकरण की जांच में दूसरा सिपाही दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ भी सख्त से सख्त कार्यवाही की जायेगी। पूर्व के थानाधिकारी अरविन्द सिंह शेखावत को निलम्बित किया गया है और उनके खिलाफ जो भी परिवाद आये हैं, उनकी भी गहनता से जांच होगी। पुलिस महानिरीक्षक ओमप्रकाश पासवान ने कहा कि भविष्य में इस बात का भी ध्यान रखा जायेगा कि पुलिस थाना में किस तरह का स्टाफ लगाया जायेगा और उनकी जो भी गतिविधियां रहेगी, उन पर पूरी निगरानी भी रखी जायेगी। पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने कहा कि मृतक युवती प्रकरण में पुलिस थाना का जो भी स्टाफ संलिप्त पाया जायेगा, उसके खिलाफ कार्यवाही अवश्य होगी तथा पिछले दो वर्षों से ज्यादा समय वाले सिपाहियों का भी स्थानान्तरण किया जायेगा।

प्रशासन और परिवारजनों के बीच सहमति बनने पर युवती के शव का संस्कार किया गया। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में शुक्रवार को भी मेरी मुख्यमंत्री से बात हुई और उन्होंने कहा कि परिवारजन को न्याय ही मिलेगा। उन्होंने कहा कि आखिरीकार परिवाजन और प्रशासन की सहमति बनने पर ही अंतिम संस्कार किया गया।


ज्ञात रहे पुलिस थाना हॉल में वार्ता करने के बाद परिवारजन से बात करने के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में वार्ता की गई तो जब संस्कार की बात हुई तो सहमति जताने वाले परिवारजन के लोग ही आपस में उलझ गये और संस्कार से मना कर दिया। प्रशासन ने सख्ती का रुख दिखाते हुए आरएससी और एसटीएफ को जैसे ही संस्कार की तैयारी करने के लिए तैनात किया तो एक बारगी का माहौल गर्माया गया। पुलिस जैसे ही कुछ लोगों को पीछे हटाया तो कुछ तो वहां से चले गये, ऐसे में परिवारजनों ने आखिरी वार्ता की और संस्कार के लिए सहमत हो गये। ऐसे में यहां सवाल भी उठता है कि जो वार्ता जनप्रतिनिधियों के साथ हुई उसे परिवारजनों ने भी नहीं माना। प्रशासन के साथ जो समझौता हुआ है वो लिखित में इस प्रकार से है, जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कानूनी कार्यवाही की जायेगी। यथा संभव मुकदमें में गिरफ्तारियां सुनिश्चित करवाई जायेगी। नियमानुसार जो भी मुआवजा बनता है वो शीघ्र देय कराया जायेगा, जो सहमति बनी है वो देय होगा। परिवार के एक व्यक्ति को संविदा पर नौकरी दिलाने का प्रबंध करवाया जायेगा।


पिछले चार दिनों से स्थानीय पुलिस और प्रशासन के वो अधिकारी जो खाजूवाला में रहे थे, उन्हें बुलाया गया और उनका अनुभव भी काम आया। आरएसी तथा एसटीएफ के जवान भी तैनात रहे तथा पूरे जिले से पुलिस जाप्ता माकुल रहा। शुक्रवार को खाजूवाला मण्डी तथा दंतौर का बाजार बन्द रहा और इस प्रकरण में समर्थन जताया गया। विधायक अनिला भदेल, पूर्व विधायक डॉक्टर विश्वनाथ मेघवाल, रविशेखर मेघवाल, भाजपा देहात जिलाध्यक्ष जालमसिंह भाटी, कुंदन सिंह राठौड़, जगविन्द्रसिंह सिद्धू, भोजराज मेघवाल, मांगीलाल मेघवाल, धर्मपाल बिरड़ा, सतपाल नायक आदि धरना में शामिल रहे।