खाजूवाला-छत्तरगढ का कहना है बीकानेर जिले में रहना है, सीएम के सामने जमकर नारेबाजी


-मुख्यमंत्री गहलोत के सामने जमकर की नारेबाजी
-हमारा जिला कैसा हो, बीकानेर जैसा हो


खाजूवाला, पिछले 56 दिनों से खाजूवाला और छत्तरगढ में चल रहे धरना-प्रदर्शन की गूंज शनिवार को मुख्यमंत्री के बीकानेर आगमन पर उन्हें सुनने को मिली। सैंकड़ों की संख्या में खाजूवाला और छत्तरगढ बचाओ संघर्ष समिति के पदाधिकारियों तथा क्षेत्रवासियों ने सीएम गहलोत के समक्ष जमकर नारेबाजी करते हुए कहा कि खाजूवाला-छत्तरगढ का कहना है बीकानेर जिले में रहना है। हमारा जिला कैसा हो, बीकानेर जैसा हो।
खाजूवाला और छत्तरगढ को नये जिले अनूपगढ में शामिल करने का खामियाजा शायद सरकार को भुगतना पड़ेगा क्योंकि विरोध के स्वर लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। पिछले 56 दिनों से खाजूवाला और छत्तरगढ में चल रहे आन्दोलन के कारण माहौल सरकार के खिलाफ बना हुआ है। लेकिन सरकार हल नहीं कर रही है। बार-बार गहलोत के समक्ष भी यह बात मजबूती के साथ रखी गई है कि खाजूवाला और छत्तरगढ के लोग अनूपगढ में नहीं जाना चाहते। इन सब की एक ही इच्छा है कि हमारा जिला बीकानेर ही रहना चाहिए। अगर सरकार ने खाजूवाला और छत्तरगढ को बीकानेर जिले में शामिल कर दिया तो अच्छी बात है अन्यथा बीकानेर जिले की सातों सीटों पर असर पड़ सकता है। यहां तक कि मुस्लिम समाज के पूगल में हुंकार रैली में कहा था कि हमारे वोट बैंक में सेंध मारी कर दो धड़ों में बांटने का प्रयास सरकार को महंगा पड़ेगा, इसका परिणाम ये होगा कि कांग्रेस को बीकानेर जिले की 5 सीटों से हाथ धोना पड़ेगा और कोशिश करेंगे कि सातों सीटों को प्रभावित कर सके।

खाजूवाला-छत्तरगढ बचाओ संघर्ष समिति संयोजक मोहन सिहाग ने कहा कि अभी भी सरकार के पास समय है, सरकार खाजूवाला और छत्तरगढ को बीकानेर जिले में यथावत रखने की घोषणा करे। एक तरफ सर्वे में राजस्थान में कांग्रेस की स्थिति अच्छी बताई जा रही है और राज्य के मुखिया गहलोत भी सरकार को रिपीट करना चाहते हैं तो उन्हें बीकानेर जिले में जीत हासिल करनी पड़ेगी अन्यथा सरकार बनाने का समीकरण बिगड़ जायेगा। शनिवार को खाजूवाला-छत्तरगढ बचाओ संघर्ष समिति के सैंकड़ों कार्यकर्ताओं ने गहलोत के सामने अपनी बात को मजबूती के साथ रखते हुए कहा कि हमें हमारे जिले बीकानेर में ही शामिल किया जाये।