











खाजूवाला, खाजूवाला क्षेत्र में पति को जलाकर मारने के बहुचर्चित श्यामसुन्दर हत्याकांड के मामले में गुरुवार को अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश विनोद कुमार गुप्ता ने लम्बे विचारण के बाद फैसला दिया है। महज पाँच वर्षों में दोनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
मृतक श्यामसुन्दर के पिता रामप्रताप निवासी 6 पीएचएम ने दिनांक 07 मई 2020 को खाजूवाला पुलिस थाने में श्यामसुन्दर की पत्नी पुष्पा व पुत्री प्रियंका के खिलाफ मुकदमा धारा 302/34 भारतीय दण्ड संहिता के तहत दर्ज करवाया था। जिसमें बताया गया था कि उसके पड़ौस में उसका पुत्र श्यामसुन्दर रहता था, जो खाजूवाला मण्डी में मोटरसाईकिल मिस्त्री का काम करता था, को रात्री में उसकी पत्नि पुष्पा व पुत्री प्रियंका ने पेट्रोल छिडक़कर छप्परे में आग लगाई। जिसमें सो रहा श्यामसुन्दर कि जलने से मृत्यु हो गई है। पुलिस थाना ने उसी दिन दोनों अभियुक्तों को 17 केवाईडी के पास से गिरफ्तार कर बाद अनुसंधान चार्जशीट दोनों के खिलाफ प्रस्तुत की थी। अभियोजन अधिकारी बृजलाल चाहर अपर लोक अभियोजक ने पैरवी रखते हुए अभियोजन की ओर से 22 गवाहान व 49 दस्तावेजी साक्षय प्रस्तुत किए। जिन पर अनुवाई माँ-बेटी को श्यामसुन्दर की हत्या का दोषी करार दिया व दोनों को धारा 302/34 भारतीय दण्ड संहिता के तहत आजीवन कारावास व 20 हजार रुपए अर्थदण्ड से दण्डित किया तथा अदम अदायगी जुर्माना एक साल का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनवाई है। मुल्जिम पुष्पा की ओर से हनीफ मो.कुरैशी व प्रियंका की ओर से संदीप पाठक ने तथा मृतक के पिरवार की ओर से सुभाष धारणियां एडवोकेट ने पैरवी की है।

