खाजूवाला: घंटों लाइन में खड़े रहने को मजबूर किसान, ये है वजह
खाजूवाला। अनूपगढ़ शाखा के अन्तिम छोर के किसानों को फसल बिजाई से बेचने तक का संघर्ष करना पड़ता हैं। ऐसा ही नजारा सोमवार को खाजूवाला में देखने को मिला। यहां खाद की दुकानों पर सैकड़ों किसानों पहुंच गए। सोमवार को खाजूवाला के सोसायटी के नजदीक किसानों को डीएपी के लिए संघर्ष करते देखा गया। धानमंडी में तीन अलग-अलग दुकानों पर डीएपी खाद पहुंची, तो किसानों का हुजूम उमड़ गया। देखते ही देखते डीएपी खाद के लिए किसानों की लबी लाइन लग गई। अन्तिम छोर का किसान डीएपी खाद के लिए सुबह जल्दी आकर लाइन में लग गया, लेकिन शाम तक उसको सिर्फ निराशा ही हाथ लगी। यहीं हालात फसल बेचने को लेकर हैं। अपनी फसल बेचने के लिए किसान सरकारी खरीद के टोकन की बाट जोह रहा हैं, लेकिन अभी तक सरकारी खरीद के टोकन शुरू नहीं हुए हैं। जब तक टोकन कटने शुरू होंगे, तब तक फसल निकल जाएगी। हालांकि श्रीगंगानगर जिले की मंडियों में टोकन कटने शुरू हो गए हैं। किसानों को जागरूक करने के लिए किसान गोष्ठी तो होती हैं, लेकिन किसानों की समस्याओं की सुनवाई करने वाला कोई नहीं है। सहायक कृषि अधिकारी सुभाषचन्द्र ने बताया कि शनिवार को खाजूवाला में 5500 डीएपी के कट्टे पहुंचे थे। इनका वितरण सोमवार को किया गया है। इस बार खाजूवाला क्षेत्र में 30-35 हजार हैक्टेयर भूमि में सरसों की बिजाई हुई है। इसके लिए लगभग 25-30 हजार कट्टे चाहिए। इसके लिए डिमाण्ड भेज दी गई है। कुछ दिनों में ही डीएपी व यूरिया खाद की खेप खाजूवाला पहुंचेगी।