(लूणाराम वर्मा)
महाजन, महाजन फील्ड फायरिंग रेंज एरिया में करीब 50 डिग्री तापमान के बीच अथाह रेत के समंदर में घास-फूस खाकर जीवन यापन करने वाले सैकड़ों गोवंश व हजारों वन्य जीवों को पीने के पानी के अभाव में होने वाली पीड़ा से बचाने का जिम्मा क्षेत्र के युवाओं ने उठाकर अनुकरणीय पहल की है। जनसहयोग से प्रतिदिन सैकड़ों गोवंश व हजारों वन्य जीवों को पानी पिलाने की जिम्मेदारी निभा रहे युवाओं को देखकर हर कोई दाद दे रहा है।

गौरतलब है कि करीब दो दशक से महाजन फील्ड फायरिंग रेंज का लम्बा-चौड़ा क्षेत्र सैकड़ों आवारा, वृद्ध, बाखड़े गोवंश की शरण स्थली बना हुआ है। बरसात के सीजन में फायरिंग रेंज में बने वर्षों पुराने जोहड़ तालाब पानी से लबालब हो जाते हैं जो इन आवारा पशुओं की प्यास बुझाने के लिए कारगर साबित होते है। इस बार तन झुलसाने वाली इस गर्मी में रेंज एरिया में सारे जोहड़-तालाब सूखे पड़े है। वही दूर तक पानी का कोई स्रोत नजर नहीं आता। ऐसे हालात में सैकड़ों गोवंश के साथ हजारों वन्यजीवों के समक्ष पानी का संकट विकराल रूप ले चुका है।

इन जीवो व गायों को बचाने के लिए क्षेत्र के लोगों ने एक मुहिम छेड़ी जिसके परिणाम सुखद अनुभूति देने वाले साबित हो रहे है। रेंज एरिया से सटे गोपालसर के युवा मदनलाल ने बताया कि फायरिंग रेंज में भूख मिटाने के लिए आने वाले गोवंश व वन्यजीवों की पानी के बिना बदहालत हो रही थी उसको देख कर एक नई प्रक्रिया शुरू की गई। गोपालसर सहित आसपास के गांव से लोगों ने आपस में जनसहयोग से राशि जुटाकर रेंज के बाहर पशुओं व वन्य जीवों के लिए पानी का प्रबंध किया है। एरिया की सीमा से सटते हुए जगह-जगह पानी भरने के लिए सीमेंट के कुण्ड स्थापित किये गए है। इनमें प्रतिदिन टैंकरों के माध्यम से शीतल जल भरा जाता है। रेंज में चरने वाले पशु व वन्य जीव प्यास बुझाने के लिए रेंज से बाहर आते है एवं शीतल जल पीकर वापस लौट जाते है। इनके अलावा रेंज एरिया में भी सड़क व प्रमुख कच्चे रास्तों पर ऐसे जल कुंड स्थापित है। जिनमें अक्सर सेना के जवान तो कभी कभी अन्य लोग पानी भरते है। सामाजिक कार्यकर्ताओं के अनुसार नहरबंदी के इस दौर में जहां गांवों में लोग जल संकट से जूझ रहे है वहीं रेंज एरिया में चरने वाले पशुओं व हजारों वन्य जीवों के लिए पानी की माकूल व्यवस्था की गई है।
सेना के जवान भी बन रहे सहयोगी
सैकड़ों किमी लम्बे चौड़े रेंज एरिया में विचरण करने वाले गोवंश व वन्य जीवों के लिए इस भीषण गर्मी में पानी का पुख्ता प्रबंध करने के लिए सेना के जवान भी बराबर सहयोगी बने हुए है। सेना के लिए पानी लाने वाले टैंकर पशुओं के लिए भी पानी की व्यवस्था करते नजर आते है। जो कि देश सेवा के साथ जीवों के प्रति दया भाव को दर्शाता है।