खाजूवाला क्षेत्र में दो दिनों से बरस रहे मेघा, ग्वार व मूँगफली को फायदा तो वहीं मूँग व नरमें को हो रहा भारी नुकसान


खाजूवाला, खाजूवाला क्षेत्र में सोमवार को दूसरे दिन भी बरसात हुई। दोपहर को हुई बरसात से फसलों में कहीं अच्छा फायदा देखने को मिला तो कहीं यह बरसात फसलों के लिए मुसिबत बनकर बरसी। वहीं खाजूवाला कस्बे में नालियों के पानी की निकासी की व्यवस्था नहीं होने के कारण गली, मोहल्लों व सडक़ों पर पानी भर गया। जिसके कारण लोगों को परेशानी उठानी पड़ी।
12 बीडी से किसान ओमप्रकाश जाखड़ ने बताया कि खाजूवाला के ग्रामीण क्षेत्रों में पिछले दो दिनों से लगातार हो रही बारिश कई किसानों के लिए तो मानों मुसिबन बनकर बरस रही है। खाजूवाला के चक 14 बीडी, 20 बीडी, कालूवाला, 24, 26, 12 बीडी, 32 हैड, 4 केवाईडी में बरसात हुई पिछले दो दिनों से हो रही है। यहां मूँग व नरमें की फसल को नुकसान हो रहा है। वहीं पच्छेती व बिरानी ग्वार व मूँगफली को बरसात का फायदा है। वहीं आनन्दगढ़, मुस्लिमजोड़ी में भी अच्छी बारिश के समाचार मिले है।
व्यापारी रामकिशन कस्वां ने कैबिनेट मंत्री गोविन्दराम मेघवाल को पत्र भेजकर खाजूवाला में बरसाती पानी की निकासी की उचित व्यवस्था की मांग की है। कस्वां ने पत्र में अवगत करवाया कि खाजूवाला नगरपालिका बने 2 साल हो गए है। वहीं खाजूवाला का कस्बा पिछले कई दशकों से नालियों के पानी निकासी की अव्यवस्था से जुझ रहा है। नगरपालिका क्षेत्र में 24 व 25 सितम्बर को हुई बरसात से राजकीय चिकित्सालय से तेरा पंथ भवन की सडक़े जलमग्न हो गई। सडक़ो पर 2-3 फिट पानी एकत्रित हो गया है। यहां से बच्चे स्कूल पानी में से जाने को मजबूर है। बीमार व्यक्ति भी हॉस्पिटल जाने में परेशानी हो रही है। इस सम्बन्ध में ईओ नगरपालिका को बार-बार मौका निरीक्षण करवाया गया। लेकिन समस्या का समाधान नहीं होता है। नगरपालिका में ईओ भी नहीं मिलते है। प्रशासन को राज का कोई भय नहीं है। जनता की समस्या को अनदेखा किया जा रहा। खाजूवाला में विकास कार्यों कि अनदेखी हो रही। सौंदर्य के नाम पर तोड़े गए कब्जो का मलबा कई महीना बीतने के बाद भी जगह जगह पड़े हैं। नाले-नालियों की सफाई भी समय पर नहीं होती है।