खाजूवाला, निजी शिक्षण संस्थान ने कोरोना महामारी की वजह से बंद पड़े निजी स्कूलों की विभिन्न समस्याओं के समाधान की मांग शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के नाम का ज्ञापन तहसीलदार विनोद कुमार गोदारा व कार्यावाहक मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी रामप्रताप मीणा को सौंपकर की।
ब्लॉक अध्यक्ष प्रदीप भाम्भू ने ज्ञापन में अवगत करवाया कि लॉकडाउन व इस भयंकर कोरोना बीमारी की वजह से बंद पड़े निजी स्कूलों पर आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। इस संकट की स्थिति में गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं को राज्य सरकार द्वारा आर्थिक पैकेज और अनुदान की व्यवस्था की जाए। राज्य की हजारों गैर सरकारी शिक्षण संस्थाओं द्वारा शिक्षा जैसे पुनीत पावन कार्य को बखूबी अंजाम दिया जा रहा है। इन संस्थाओं को मिलने वाली फीस से ही स्कूलों का समस्त खर्च स्टाफ का वेतन, शाला भवन का किराया, जल विद्युत के खर्चे आदि अन्य आवश्यक सभी तरह के खर्चे फीस से चलते हैं। इस संकट काल में राज्य की हजारों स्कूलों पर विपदा आ गई है तथा सैकड़ों शिक्षण संस्थाएं बंद होने के कगार पर है। सरकार आरटीई के अंतर्गत अध्ययनरत छात्रों की बकाया सभी किस्तों का भुगतान अति शीघ्र करें।
जिससे निजी स्कूलों को राहत मिल सके लॉकडाउन के कारण छोटे स्कूलों की अधिकांश फीस बकाया है। जिस कारण इन संस्थाओं की कमर टूट गई है। विद्यालय की फीस ही वित्तीय संसाधन का एकमात्र माध्यम है निजी स्कूलों के सामाजिक व शिक्षा के योगदान को देखते हुए इन संस्थाओं को विकट समय से बचाने के लिए अति शीघ्र राहत पैकेज की व्यवस्था की जाए। साथ ही निजी शिक्षण संस्थाओं के लिए राज्य सरकार द्वारा बिना ब्याज ऋण की उपलब्धता की योजना बनाकर उसे मूर्त रूप में क्रियान्वित करवाई जाए। मान्यता पोर्टल खोलकर मान्यता संबंधी पत्रावलियों का जल्द ही निस्तारण करवाएं। जिससे आगामी सत्र में बच्चों को प्रवेश दिया जा सके। सरकार शिक्षा विभाग के संबंधित शिक्षा अधिकारियों को पाबंद करें कि बिना फीस जमा हुए किसी भी बच्चे की टीसी व प्रमाण पत्र जारी करने के लिए प्रशासन द्वारा निर्देशित व परेशान न किया जाए। सरकारी व गैर सरकारी स्कूलों को एक आदेश जारी कर टीसी व प्रमाण पत्र के बिना प्रवेश नहीं दिए जाने के लिए पाबंद करें था। इसे आगामी सत्र मैं पूर्ण रूप सख्ती से लागू करवाएं निजी स्कूलों में कार्यरत सभी कर्मचारियों को वेतन देने के लिए राज्य सरकार द्वारा एक फंड की व्यवस्था करवाई जाए या सांसद व विधायक कोटे से वेतन की राशि अनुदान के रूप में जारी की जाए। जिससे निजी स्कूलों को कुछ राहत मिल सके लघु व मध्यम दर्जे के निजी स्कूलों मैं अभिभावक परीक्षा काल के समय में फीस देते हैं इस बार परीक्षा स्थगित होने की वजह से फीस जमा नहीं हो पाई। जिससे निजी स्कूलों ने कर्मचारियों को वेतन देने में असमर्थता जताई आरक्षित एफडीआर एवं बालिका शिक्षा फाउंडेशन में जमा राशि को 5 साल के लिए निजी स्कूलों को दिलवाने के लिए संबंधित विभाग को निर्देशित करें जिससे मध्यम दर्जे के स्कूल का संचालन करने में आसानी हो सके। आगामी सत्र की फीस रिकवरी का एक सिस्टम बनाया जाए जिससे विद्यार्थी की प्रतिमाह की फीस स्कूल में जमा हो सके आरटीई की प्रवेश प्रक्रिया हेतु जल्द ही टाइम फ्रेम जारी किया जाए जिससे निजी विद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया आरंभ हो सके।
इस अवसर पर ब्लॉक अध्यक्ष प्रदीप भाम्भू, सचिव सांवलदान चारण, सुनील सिहाग, अनिल कस्वां, राकेश सुथार, विनोद कस्वां, सुरेंद्र गेदर, दिलजीत सिंह, महावीर बिश्नोई, राहुल टाक, दिलीप कुमार, जसकरण सिंह बुट्टर, रिछपाल सिंह, चांद रतन सांखला, शबीर खान, शंकरलाल राजपुरोहित, प्रीतम सिंह, राजेश स्वामी, कमलेश स्वामी, ताराचंद आदि उपस्तिथ थे।
कोरोना महामारी के चलते आर्थिक संकट से जूझ रहे निजी विद्यालय, आर्थिक पैकेज के लिए सौंपा ज्ञापन
