नई दिल्ली, कोरोना वायरस से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने अहम फैसला लिया है। स्वास्थ्य और नागर विमानन मंत्रालय ने एक के बाद एक कई नोटिफिकेशन जारी किए हैं आज से इसके अमल में आने के बाद भारत अगले एक महीने तक पूरी दुनिया से खुद को अलग करने का फैसला किया है। कोरोना वायरस एक व्यक्ति से दूसरे में संपर्क के जरिये फैलता है। इस फैसले का मतलब संपर्क घटाते हुए कोरोना के वायरस पर कंट्रोल करना है। भारत सरकार के फैसले के कुछ देर बाद ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस (कोविड19) को महामारी घोषित कर दिया है। देश के स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन की अध्यक्षता में हुई बैठक में तय हुआ कि कोरोना वायरस से बचने का सबसे प्रभावी तरीका है। संक्रमित लोगों से संपर्क को रोकना। भारत सरकार ने दुनिया के किसी भी देश से आने वाले लोगों का वीजा 15 अप्रैल 2020 तक सस्पेंड कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र से जुड़े कर्मचारियों, कूटनीतिक मामलों और सरकारी प्रोजेक्ट से जुड़े अहम अधिकारियों पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा। इसके अलावा और कोई व्यक्ति देश में दाखिल नहीं हो सकता। ओवरसीज सिटीजंस ऑफ इंडिया कार्डधारकों को मिल रही सुविधा भी 15 अप्रैल 2020 तक खत्म कर दी गई है। यह फैसला अमल में आने के बाद पर्यटन या साधारण आधिकारिक कामकाज के लिए भारत आना मुश्किल हो जाएगा। बुधवार देर शाम स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कोविड19 की स्थिति की समीक्षा की. इसमें भारत और बाकी दुनिया में कोरोना के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई गई। कोरोना का वायरस अब दुनिया भर के 110 से ज्यादा देशों में फैल चुका है। भारत में भी कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 60 के पार चली गई है। इसलिए बैठक में बड़ा फैसला लेते हुए तय किया गया कि बड़ी आबादी को बचाने के लिए भारत खुद को दुनिया से अलग कर लेगा। मोदी सरकार के सारे फैसले 13 मार्च 2020 की आधी रात से लागू होंगे।
कोरोना को महामारी घोषित करते हुए मोदी सरकार का बड़ा फैसला
