संभाग भर में चलेगा ‘मेरा गांव-मेरा गौरव अभियान’

बीकानेर, संभाग के सभी जिलों की ग्राम पंचायतों में ‘मेरा गांव-मेरा गौरव’ अभियान के तहत महत्वपूर्ण घटनाओं एवं विशेष उपलब्धि हासिल करने वाले व्यक्तियों की जानकारी संकलित की जाएगी तथा इसे पुस्तक सहित विभिन्न माध्यमों से देश और दुनिया के समक्ष पहुंचाया जाएगा।

संभागीय आयुक्त डॉ. नीरज के. पवन ने सोमवार को आयोजित संभाग स्तरीय वीडियो कांफ्रेंस के दौरान बताया कि प्रत्येक ग्राम पंचायत की विशेष पहचान होती है। यह किसी घटना अथवा किसी व्यक्ति के महत्वपूर्ण योगदान के रूप में हो सकती है। प्रत्येक ग्राम पंचायत द्वारा ऐसी एक घटना अथवा व्यक्ति के योगदान का संकलन करना होगा। इन सभी घटनाओं को संभाग स्तर पर एकत्रित करते हुए प्रमुख घटनाओं एवं व्यक्गित उपलब्धियों तथा योगदान को पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाएगा। साथ ही इन उपलब्धियों को सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाने के प्रयास किए जाएंगे।

प्रत्येक सक्षम अधिकारी काटे चालान :-

संभागीय आयुक्त ने नशे के विरूद्ध चलाए जा रहे ‘मनसा’ अभियान की समीक्षा की तथा कहा कि इसे दूसरे चरण में 4 जुलाई तक विभिन्न गतिविधियां आयोजित हों। कोटपा एक्ट की अवहेलना करने वाले लोगों के खिलाफ चालान काटे जाएं। प्रत्येक सक्षम अधिकारी अपने साथ चालान बुक रखें। स्कूलों, कॉलेजों, चिकित्सा संस्थान सहित प्रत्येक सरकारी कार्यालय तम्बाकू उत्पादों के विक्रय और उपयोग से मुक्त रहें। जागरुकता के इस अभियान को ग्राम पंचायत स्तर तक ले जाया जाए।

स्कूली विद्यार्थियों को देंगे डिक्सनरी :-

संभागीय आयुक्त ने बताया कि संभाग के सभी सरकारी स्कूलों में नौवीं से बारहवीं तक पढ़ने वाले विद्यार्थियों को डिक्सनरी उपलब्ध करवाई जाएगी। इन बच्चों को प्रतिदिन अंग्रेजी का एक शब्द याद करवाया जाएगा तथा स्वयं के परिचय पर आधारित दस-पंद्रह वाक्य भी तैयार करवाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि बीकानेर जिले में ‘बोल बीकानेर बोल’ (ट्रिपल-बी) नाम से यह अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने संभाग के प्रत्येक ग्राम पंचायत के बाउंड्री युक्त सरकारी भवनों में पौधारोपण की तैयारी करने के निर्देश दिए तथा कहा कि मानसून के साथ ही यह कार्य प्रारम्भ कर लिया जाए।

जल संरक्षण इकाईयों का करेंगे संरक्षण :-

संभागीय आयुक्त ने कहा कि संभाग की सभी ग्राम पंचायतों के एक-एक जल संग्रहण इकाई का चिन्हीकरण करते हुए इनके संरक्षण का कार्य किया जाएगा। यह कार्य मनरेगा अथवा श्रमदान के माध्यम से किया जाए। आगामी मानसून से पहले इनका बेहतर संधारण सुनिश्चित किया जाए, जिससे यहां बड़ी मात्रा में बरसाती जल का संरक्षण किया जा सके। उन्होंने प्रत्येक गांव में बेटी के जन्म पर कम से कम पांच-पांच पौधे लगाने तथा इनकी देखभाल करने का आह्वान किया तथा कहा कि बेटी के जन्म को उत्सव की तरह मनाएं। इसी प्रकार घर-घर औषधि अभियान के तहत वितरित किए जाने वाले सभी पौधों का रोपण सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।