नीरजा मोदी स्कूल हादसा: मां की चीखों में टूटी उम्मीदें, पिता की आंखों में बस रह गया सन्नाटा
R.खबर ब्यूरो। जयपुर, नीरजा मोदी स्कूल की छात्रा अमायरा की मौत की खबर मिलते ही परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। अस्पताल में मां शिवानी बार-बार डॉक्टरों से बेटी को बचाने की गुहार लगाती रहीं। उनकी आंखों में एक मां की वह आखिरी उम्मीद झलक रही थी—“मेरी बेटी को मेरी गोद में दे दो, मैं उसे घर ले जाना चाहती हूं, उसे कुछ नहीं हुआ है।” अस्पताल के हर कोने में शिवानी की चीखें गूंज रही थीं, जबकि परिजन उन्हें संभालने की कोशिश में टूटते जा रहे थे।
खामोशी में डूबे पिता विजय कुमार:-
अमायरा के पिता विजय कुमार जयपुरिया अस्पताल की बेंच पर सिर झुकाए निःशब्द बैठे रहे। चेहरे पर गहरा सन्नाटा था और आंखों में शून्यता। रिश्तेदारों ने कई बार बात करने की कोशिश की, लेकिन वे कुछ बोल नहीं सके—जैसे शब्दों ने उनका साथ छोड़ दिया हो। आसपास मौजूद हर व्यक्ति अपनी आंखों से आंसू पोंछते हुए उन्हें संभालने की कोशिश कर रहा था।
पढ़ाई में थी बेहद होनहार:-
परिजनों के अनुसार, अमायरा विजय और शिवानी की इकलौती संतान थी और परिवार की सबसे बड़ी खुशी भी। वह पढ़ाई में बहुत गंभीर थी—स्कूल से लौटने के बाद भी घंटों तक पढ़ाई करती रहती थी। मां हमेशा बेटी की पढ़ाई को लेकर सजग रहती थीं और उस पर गर्व करती थीं।
दादी का दर्द—”सुबह तक सब ठीक था…”
हादसे के बाद दादी की हालत भी बेहद खराब रही। उन्हें संभालना मुश्किल हो गया था। वे रोते हुए बार-बार कहती रहीं—“सुबह तक सब ठीक था, ये क्या हो गया।” परिजनों ने बताया कि अमायरा न केवल घर की इकलौती संतान थी बल्कि परिवार की उम्मीद और खुशियों का केंद्र भी थी। यह हादसा सिर्फ एक मासूम की जान नहीं ले गया, बल्कि पूरे परिवार की दुनिया उजाड़ गया।

