











राजस्थान में कफ सिरप मामले में नया अपडेट, बच्चों की हुई मौत की जांच के लिए 5 सदस्यीय पैनल गठित
R.खबर ब्यूरो। जयपुर, राजस्थान स्वास्थ्य विभाग ने डेक्सट्रोमेथॉरफन एचबीआर युक्त कफ सिरप से जुड़ी बच्चों की मौतों की जांच के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस समिति में जे.के. लोन अस्पताल, जयपुर के बाल रोग विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर सहित अनुभवी विशेषज्ञ शामिल किए गए हैं। पैनल को तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रमुख स्वास्थ्य सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि यह समिति सरकारी अस्पतालों में मौसमी लक्षणों वाले बच्चों को दी जाने वाली दवाओं और उनसे होने वाली स्वास्थ्य जटिलताओं की विस्तृत समीक्षा करेगी। समिति को बच्चों को दी गई दवाओं के रिकॉर्ड और उनके दुष्प्रभावों का विश्लेषण कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करनी है।
राज्य में डेक्सट्रोमेथॉरफन पर रोक:-
हाल ही में सीकर, भरतपुर सहित कई जिलों से इस कफ सिरप के सेवन के बाद बच्चों की मौत की रिपोर्ट सामने आई थी। यह सिरप राज्य सरकार की मुफ्त दवा योजना के तहत वितरित किया जा रहा था। अब स्वास्थ्य विभाग ने डेक्सट्रोमेथॉरफन युक्त दवाओं के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
विभाग की टीमें विभिन्न सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में जाकर सर्दी, खांसी और बुखार से पीड़ित बच्चों के इलाज का रिकॉर्ड एकत्र कर रही हैं ताकि संभावित जटिलताओं की जांच की जा सके।
विशेषज्ञों से हो रहा विचार-विमर्श:-
स्वास्थ्य विभाग ने पतझड़ और सर्दी के मौसम में बच्चों के स्वास्थ्य जोखिमों से निपटने के लिए बाल रोग विशेषज्ञों और चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ व्यापक विचार-विमर्श शुरू किया है। अधिकारियों ने बताया कि इस मौसम में इंसेफेलाइटिस, निमोनिया और सांस संबंधी बीमारियां छोटे बच्चों के लिए गंभीर खतरा बन सकती हैं, जिनका समय पर सही निदान और उपचार जरूरी है।

