खाजूवाला, आईजीएनपी के सिंचित इलाके में पानी की मांग को लेकर एक बार फिर किसानों का एक बड़ा शिष्ट मंडल आंदोलन की राह पर चल पड़ा है, किसानों का कहना है कि इंदिरा गांधी नहर परियोजना को चार में से दो समूह चलाकर रबी की फसल में पानी दिया जाए। भारतीय किसान संघ के द्वारा खाजूवाला में उपखंड अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर मांग की गई है कि रबी फसल के लिए चार में से दो समूह में सिंचाई पानी दिया जाए। हालांकि 22 सितंबर को जल परामर्शदात्री सदस्यों की बैठक में सिंचाई रेगुलेशन तय हुआ था। जिसमें कुल 7 बारी देने का निर्णय लिया गया। जो कतई किसानों के हित में नहीं है। पोंग डैम का जलस्तर 1375 फिट होने के बावजूद भी किसानों को तीन में से एक समूह चलाकर सिंचाई पानी दिया जा रहा है।
भारतीय किसान संघ के तहसील अध्यक्ष शिवदत्त सिगड़ ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर रेगुलेशन नहीं बदला गया तो पंचायत चुनाव के तुरंत बाद प्रशासन ठप करते हुए अनिश्चितकालीन धरना प्रदर्शन किया जाएगा। अक्टूबर और नवंबर महीने में सरसों व चना फसल की बिजाई का समय है। ऐसे में 17 दिन के बाद मिलने वाले इस पानी से किसान बिजाई भी नहीं कर पाएंगे। किसानों का आरोप है कि सिंचाई विभाग के मुख्य अभियंता तथा जनप्रतिनिधियों को गुमराह करके सरकार की छवि खराब की जा रही है। पिछले वर्ष भी इसी अभियंता ने रेगुलेशन बनाकर किसानों के धरना प्रदर्शन करने के बाद रेगुलेशन बदलकर सिंचाई पानी दिया गया था। ऐसे में किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि 26 सितंबर से 31 मार्च तक चार में से दो समूह किसान हित में सिंचाई पानी दिया जाए ताकि किसानों को धरना प्रदर्शन के लिए मजबूर ना होना पड़े। ज्ञापन सौंपने में बिशनसिंह, खेमाराम जाट, रामसिंह राजपुरोहित, प्यारेलाल सैन, सीता राम सियाग, साहबराम, पूर्णसिंह, सहीराम, सोमदत्त, सहित अनेक भारतीय किसान संघ के सदस्य मौजूद रहे।
पानी की मांग को लेकर भारतीय किसान संघ आंदोलन की राह पर
