खाजूवाला, प्रत्येक वर्ष देश में 11 फरवरी को विश्व यूनानी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर राजकीय उप जिला अस्पताल प्रभारी डॉ अमरचंद बुनकर ने बताया कि विश्व यूनानी दिवस देश के अग्रणी यूनानी चिकित्सक एवं शिक्षाविद,समाज सुधारक एवं देश के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले हकीम अजमल खान साहब की स्मृति में मनाया जाता है। हकीम अजमल खान साहब को यूनानी चिकित्सा के क्षेत्र में महान चिकित्सक और शिक्षाविद के रूप में जाना जाता है।
उप जिला अस्पताल खाजूवाला में कार्यरत यूनानी चिकित्साधिकारी डॉ इमरान मंसूरी ने बताया कि इस पद्धति में मुख्य रूप से चार द्रव्यों ( रक्त,बलगम, सफ़रा–पित्त,सौदा–काला पित्त) के आधार पर इलाज किया जाता है।इसमें इलाज यूनानी दवाओं के साथ–साथ रेजिमेंटल थैरेपी जैसे हिजामा, दलक–मालिश, व्यायाम, आहार व काउंसलिंग आदि के द्वारा भी इलाज किया जाता है।
इस दौरान उन्होंने कुछ प्रमुख औषधियों के बारे बताया जैसे आंवला, आंवला दिल और दिमाग़ की कमजोरी को दूर करता है, साथ ही साथ पेट की समस्याओं, आंखो की कमजोरी, और बालों के गिरने की समस्या से भी छुटकारा दिलाता है।रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। उन्नाब, नज़ला,खांसी, ज़ुकाम में विशेष रूप से लाभकारी है।पित्त को शांत करता है, चर्म रोग से संबंधित समस्याओं में भी प्रयोग किया जाता है। असरोल, प्रमुख रूप से हाई ब्लड प्रेशर में लाभ पहुंचाती है।इसके अलावा अनिद्रा, जुनून, हिस्टीरिया जैसे रोगों में भी लाभदायक है। सूरंजान, इस औषधि का प्रयोग मुख्य रूप से जोड़ों का दर्द,गठिया, गाउट,सियाटिका जैसे रोगों में उपयोग किया जाता है।कमर दर्द में भी लाभ पहुंचाती है। यूनानी चिकित्सा पद्धति में मुख्य रूप से चारों द्रव्यों, व्यक्ति के मिजाज़ और ऋतुकाल के अनुसार इलाज किया जाता है।