पहलगाम आतंकी हमला: लेफ्टिनेंट विनय की पत्नी के हाथों की मेहंदी भी नहीं सूखी थी, शुभम भी दो महीने पहले ही बना था दूल्हा, पढ़े पूरी खबर
R.खबर ब्यूरो। जम्मू-कश्मीर का पहलगाम से बड़ी खबर सामने आई है, यंहा 22 अप्रैल 2025 को एक भयावह आतंकी हमले ने 28 पर्यटकों की जिंदगियां छीन लीं, जिनमें तीन नवविवाहित जोड़े भी शामिल थे। जानकारी के अनुसार इन पर्यटकों में करनाल के विनय नरवाल, कानपुर के शुभम द्विवेदी और छत्तीसगढ़ के दिनेश मिरानिया। ये जोड़े अपनी नई जिंदगी की शुरुआत करने, हनीमून के खूबसूरत पलों को संजोने आए थे, लेकिन आतंकियों की गोलियों ने उनके सपनों को हमेशा के लिए खामोश कर दिया।
भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल:-
जानकारी के अनुसार करनाल के 26 वर्षीय लेफ्टिनेंट विनय नरवाल भारतीय नौसेना के अधिकारी थे। बताया जा रहा है कि 16 अप्रैल को उनकी शादी हुई थी, और वे अपनी नई दुल्हन के साथ पहलगाम की बायसरन घाटी में हनीमून मना रहे थे। 22 अप्रैल को आतंकियों ने पर्यटकों के एक समूह पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाईं। जिनमे विनय ने अपनी पत्नी को सुरक्षित कर लिया, लेकिन खुद आतंकियों की गोली का शिकार हो गए। उनकी पत्नी की एक तस्वीर, जिसमें वे अपने पति के शव के पास बेबस बैठी हैं, सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जो हर देखने वाले की आंखें नम कर रही है। करनाल में उनके घर पर मातम पसरा है। परिवार के एक सदस्य ने कहा, “विनय हमारा गर्व था। उसने अपनी पत्नी को बचाया, लेकिन हम उसे नहीं बचा सके।
कानपुर के सीमेंट कारोबारी:-
कानपुर के श्यामनगर निवासी शुभम द्विवेदी, एक सीमेंट कारोबारी, अपनी पत्नी के साथ कश्मीर की वादियों में जिंदगी के सबसे खूबसूरत पल बिताने आए थे। 12 फरवरी 2025 को उनकी शादी हुई थी, और यह उनकी पहली लंबी यात्रा थी। लेकिन बायसरन घाटी में आतंकियों ने उनका नाम पूछा और गोली मार दी। शुभम की पत्नी सदमे में हैं, और उनके परिवार में कोहराम मचा है। उनके पिता ने रोते हुए कहा, “मेरा बेटा अपनी दुल्हन के साथ खुशियां बटोरने गया था, लेकिन उसकी अर्थी लेकर लौटे।”
छत्तीसगढ़ का दिनेश, जिसके बच्चों ने देखा बाप का कत्ल:-
छत्तीसगढ़ के दिनेश मिरानिया अपने परिवार पत्नी और दो बच्चों के साथ पहलगाम घूमने आए थे। आतंकियों ने उनकी पत्नी और बच्चों के सामने ही उन्हें गोली मार दी। दिनेश की बेटी ने बताया, “पापा से आतंकियों ने कुछ पूछा, फिर गोली मार दी। हम चीखते रहे, लेकिन कोई नहीं आया।” उनके परिवार ने कहा, “हमारे लिए दिनेश सब कुछ था। अब बच्चों का भविष्य कौन संवारेगा?” इस हमले ने न केवल एक पिता को छीना, बल्कि दो मासूमों के बचपन को भी अंधेरे में धकेल दिया।