राजस्थान समेत 3 राज्यों की सेना मूवमेंट की गुप्त जानकारी बेचने वाला पाक जासूस गिरफ्तार, मोबाइल से खुले कई राज
R.खबर ब्यूरो। श्रीगंगानगर के साधुवाली छावनी क्षेत्र में आईएसआई के लिए जासूसी कर रहे युवक की गिरफ्तारी ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। पकड़ा गया युवक प्रकाश सिंह उर्फ बादल (34) पंजाब के फिरोजपुर जिले का रहने वाला बताया जा रहा है।
कई दिनों से सैन्य इलाकों और अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास उसकी संदिग्ध गतिविधियों पर इंटेलिजेंस की नजर थी। लगातार निगरानी के बाद टीम ने उसे दबोच लिया। पूछताछ में यह खुलासा हुआ कि वह लंबे समय से आईएसआई के लिए नेटवर्क सक्रिय रखने में लगा हुआ था।
संदिग्ध सामग्री बरामद:-
छापेमारी में उसके पास से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, रिकॉर्डिंग गैजेट्स, इलाके के नक्शे और अन्य संदिग्ध सामग्री मिली। तकनीकी जांच में सामने आया कि प्रकाश एन्क्रिप्टेड ऐप्स और मोबाइल के जरिए संवेदनशील सैन्य जानकारी पाकिस्तान भेजता था।
उसके फोन और क्लाउड बैकअप में राजस्थान, पंजाब और गुजरात में सेना की मूवमेंट, सीमाई निर्माण कार्यों और सैन्य ठिकानों से जुड़े वीडियो-फोटो बरामद हुए।
पाक हैंडलरों से कनेक्शन
सीआईडी इंटेलिजेंस के आईजी प्रफुल्ल कुमार के अनुसार, प्रकाश ऑपरेशन सिंदूर के वक्त से ही पाकिस्तानी हैंडलरों के संपर्क में था। वह सोशल मीडिया और खासकर वॉट्सऐप पर निर्देश प्राप्त करता था। वह दूसरों के मोबाइल नंबर से OTP लेकर फर्जी अकाउंट बनाता था, ताकि उसका नेटवर्क ट्रैक न हो सके। इन अकाउंट्स का इस्तेमाल पाक हैंडलर करते थे और प्रकाश को इसके बदले मोटी रकम मिलती थी।
ड्रग तस्करी से जासूसी तक:-
पूछताछ में यह भी सामने आया कि प्रकाश पहले ड्रोन के जरिए पाकिस्तान से हेरोइन मंगवाने के धंधे में शामिल था। इसी दौरान तस्करों ने उसे जासूसी गतिविधियों में भी शामिल कर लिया। उसके मोबाइल से पाक नंबरों पर चैटिंग, फाइल ट्रांसफर और लोकेशन डेटा मिला है, जिससे पूरे नेटवर्क की परतें खुलने लगी हैं।
27 नवंबर को की गई कार्रवाई:-
साधुवाली सैन्य क्षेत्र के पास उसकी संदिग्ध गतिविधि की सूचना मिलने के बाद बॉर्डर इंटेलिजेंस टीम ने 27 नवंबर को कार्रवाई की। प्रारंभिक पूछताछ श्रीगंगानगर में हुई और बाद में उसे जयपुर के जॉइंट इंटेरोगेशन सेंटर ले जाया गया।
एक दिसंबर को स्पेशल पुलिस स्टेशन, जयपुर में आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम 1923 के तहत मामला दर्ज किया गया।
पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता दुहन और सीआईडी इंटेलिजेंस विंग ने इसे बड़ी सफलता बताया है। अधिकारियों के अनुसार, अभी यह पता लगाया जा रहा है कि राजस्थान और पंजाब में उसके नेटवर्क से और कितने लोग जुड़े हुए हैं। यह गिरफ्तारी फिर साबित करती है कि सीमा क्षेत्रों में सक्रिय जासूसी गैंग भारतीय सुरक्षा तंत्र को लगातार निशाना बना रहे हैं।

