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R खबर, 127 वी वाहिनी बीएसएफ भारतीय सीमाओं की हिफाजत के साथ-साथ स्थानीय लोगों के हितार्थ भी अनेक कार्यक्रम चलाती है। वाहिनी के कार्मिक किसी भी प्रकार की प्राकृतिक एवं मानवीय आपदा आने पर बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं।

मंगलवार सुबह वाहिनी मुख्यालय मैं महिला आरक्षक शेख मनीषा बेगम और उसके पति आरक्षक पुनीत कुमार वाहिनी मुख्यालय सतराणा स्थित आवास नंबर 64 में अपने तीन बच्चों के साथ थे। महिला आरक्षक शेख मनीषा बेगम की ड्यूटी सुबह 3:00 से 6:00 बजे तक वाहिनी मुख्यालय में थी। आरक्षक पुनीत कुमार राजकीय कार्य के लिए जोधपुर गए हुए थे। सुबह 5:30 बजे के महिला आरक्षक की बड़ी वाली लड़की सरस्वती उम्र 9 वर्ष बहुत जोर से चिल्लाई तो उसी क्वार्टर के सामने सहायक उपनिरीक्षक कर्मवीर सिंह निवास करते हैं, लड़की के चिल्लाने की आवाज को सुना और देखा कि मकान में धुआं उठ रहा है, एवं आग लग गई है तो कर्मवीर सिंह ने आव देखा न ताव दरवाजे को जोर से लात मारी और दरवाजा नहीं टूटा तो पत्थर मारा जिससे दरवाजा टूटा एवं उसमें शेख मनीषा बेगम की दो लड़कियां एवं एक लड़का था, जिनको बाहर निकाला। महिला आरक्षक कि लड़की एवं कर्मवीर सिंह ने शौर्यपूर्ण, साहसिक बहादुरी का परिचय दिया।

कर्मवीर सिंह
सरस्वती उम्र 9 वर्ष

आग लगने का मुख्य कारण शार्ट सर्किट था। इनकी बहादुरी पर कमांडेंट अमिताभ पंवार एवं वाहिनी भावा अध्यक्षता नीरा पंवार ने दोनों को बधाई दी एंव कहा जरूरत पड़ने पर इसी प्रकार बहादुरी दिखानी चाहिए, ताकि मानव जीवन को बचाया जा सके क्योंकि मानव सेवा ही सर्वोपरि सेवा है।

कर्मवीर ने अपनी जान की परवाह न करते हुए तीन बच्चों की जान बचाई वाहिनी के समस्त अधिकारी, अधीनस्थ अधिकारी एवम जवानों ने भी इनके साहस की काफी प्रंशसा की। इस्पेक्टर तारा चंद यादव ने समय रहते आग पर काबू पा लिया, जिससे बड़ा हादसा होने से टला।