पुलिस वृताधिकारी देवानन्द ने सुनी मजदूरों की समस्या, मास्क बाँटे

खाजूवाला, दूर-दराज क्षेत्र से मजदूरों के आने का सिलसिला लगातार जारी है। रेत के टीलों के बीच से भूख, प्यास, धूप और गर्मी की प्रवाह किये बिना घर पहुंचने की उम्मीद के साथ पैदल चलना ही उचित समझा। रविवार को खाजूवाला वृताधिकारी देवानन्द में दंतौर में जाकर मजदूरों की समस्याएं सुनी व मास्क बाँटे।
एक तरफ लोकडाउन की घोषणा और दूसरी तरफ खेतों में फसल की कटाई समाप्त होने पर मजदूरों के सामने सबसे ज्यादा परेशानी जीवन यापन की हो गई। मोहनगढ़, रामगढ़, नाचना तथा बायला क्षेत्र में पंजाब, हरियाणा, राजस्थान के श्रीगंगानगर तथा हनुमानगढ़ जिलों से हजारों की संख्या में मजदूर वर्ग फसल कटाई के समय पहुंचा। फसल कटाई का समय चल रही रहा था कि अचानक कोरोना जैसी भयंकर बीमारी के चलते सरकार ने देश में लोकडाउन की घोषणा कर दी। गेहूं और चना की फसल कटाई का काम पूर्ण होने पर मजदूरों को अपने-अपने घर जाना था लेकिन लोकडाउन के चलते परिवहन के साधन बंद हो गये तथा मजदूर वर्ग वहीं फंस गया। कुछ दिन तक तो मजदूरों को राशन-पानी मिला और जब जीवन यापन के लाले पड़ गये तो मजदूरों ने आव देखा ना ताव पैदल चलना ही उचित समझा और निकल पड़े अपने-न्अपने घरों की ओर। पुलिस वृताधिकारी देवानंद दंतौर क्षेत्र में रविवार को गये तो खाजूवाला-दंतौर के बीच एक पेड़ की छांव के नीचे मजदूर आराम करते हुए मिले। उन्हें उनके घर का पता पूछा तो वे सहमे हुए थे, ऐसे में उन्होंने कहा कि सियासर के हैं लेकिन उन्हें अधिकारी ने कहा कि खाजूवाला में रहने और खाने की व्यवस्था है, आप चिंता मत करें। फिर उन्होंने बताया कि ३६५ हैड, पंजाब के फाजिल्का, जैतसर तथा घड़साना के रहने वाले हैंं। रेत के टीलों के बीच से रास्ते तथा पगडण्डियों के सहारे यहां तक पहुंचे इस परिवार में अधिकत्तर महिलाऐं तथा बच्चियां थी, अधिकारी ने इसे गम्भीरता से लिया तथा खाजूवाला में पहुंचने की बात कही। अधिकारी ने कहा कि खाजूवाला में रहने और खाने की व्यवस्था सरकार की तरफ से है, आपको चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। अधिकारी ने मौके पर ही महिलाओं, पुरूषों तथा बच्चों को मास्क बांटे तथा सोशल डिस्टेसिंग की पालना करने की हिदायत दी।