rkhabar
rkhabar
rkhabar

rkhabar
rkhabar
rkhabar
rkhabar
rkhabar
rkhabar
rkhabar
rkhabar

खाजूवाला, मदरसा नूरिया रिजविया खाजूवाला में रमजान के अंतिम जुम्मे की नमाज अदा की गई। जिसमें क्षेत्र की चक-ढाणियों से लोग नमाज अदा करने पहुंचे। शाही ईमाम हाफिज शौकत अली अशरफी ने कहा कि इस महिने में अल्लाह इबादत करने वालों की दुआ सुनता है और जिस तरह रमजान में पूरे 1 महीने लोग परहेजगारी के साथ जिंदगी गुजारते हैं, वैसे ही लोगों को पूरे साल अल्लाह के बताए रास्ते पर चलकर बुराई से बचते रहना चाहिए। क्योंकि मुस्लिम धर्म में रमजान के महिने का विशेष महत्व माना जाता है। इस महीने में 30 दिन रोजे रखकर रोजेदार अल्लाह की इबादत करते हैं, जो नेकी का काम हैं। वहीं इमाम अशरफी ने कहा कि आखिरी जुमे को अलविदा जुमा के रूप में जाना जाता है। इस मौके पर मुस्लिम समुदाय के लोग अल्लाह से अपने या परिवार के लिए खास दुआ मांगते हैं।

इसके साथ ही ईद मनाने की तैयारी जोरों-शोरों से शुरू हो जाती है। इस दौरान लोगों ने नमाज अदा कर अमन-चैन व खुशहाली की दुआएं मांगी गई। वहीं गुरुवार देर रात्रि 27वीं शब्बे कद्र की रात नमाज पढ़कर दुआओं की माफी मांगी। इस अवसर पर हजारों की तादात में मोमीन रातभर खुदा की बारगाह में इबादत कर अपने गुनाहों की माफी मांगी और कब्रिस्तान पर जाकर फातिहा पढ़ी।