
खाजूवाला, खाजूवाला की 30 केवाईडी स्थित वीर तेजाजी मंदिर परिसर में श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन स्वामी सच्चिदानंद आचार्य ने कहा की अभिमान पतन का कारण है। अभिमान व अत्याचार रूपी कंस अपनी पराकाष्ठा पार कर जाता है। तब भगवान श्री कृष्ण का पराक्रम होता है। कथा में जन्म उत्सव मनाते हुए सभी श्रोता भक्ति रस में झूमते हुए भाव विभोर हो गए। भगवान नाम की महिमा बताते हुए महंत श्री सच्चिदानंद ने कहा कि कलिकाल में नामनोका में सवार होकर भव सागर को सहज ही पार किया जा सकता है। धर्म व गोरक्षार्थ 12 वीं शताब्दी में वीर तेजाजी व 15 वीं सदी में श्री गुरु जंभेश्वर भगवान का आगमन हुआ। महापुरुषों का जीवन हम सब के लिए आदर्श व उनके उपदेश हमें अपने जीवन में उतारना चाहिए। इस दौरान कृष्ण महोत्सव भी मनाया गया।

कृष्ण जन्मोत्सव पर सभी श्रोताओं ने उत्साह के साथ भजन-कीर्तन के साथ झूम झूम कर नाच गाकर जन्मोत्सव मनाया। काफी दूरदराज से काफी संख्या में महिला एवं पुरुष इस कथा में पहुंच रहे हैं। 30 केवाईडी धाम पुजारी रामेश्वरलाल गोदारा ने बताया कि 12 अप्रैल से शुरू हुई मद् भागवत कथा 18 अप्रैल को कथा का समापन होगा। समापन अवसर पर भंडारे का आयोजन किया जाएगा।