खाजूवाला, खाजूवाला उपखंड अधिकारी कार्यालय के सामने खाजूवाला बचाओ संघर्ष समिति के तत्वावधान में 40 वे दिन भी धरना जारी रहा। वही धरनार्थियों द्वारा शुक्रवार को मुख्यमंत्री, राज्यपाल, संभागीय आयुक्त बीकानेर के नाम का ज्ञापन दिया गया।

ज्ञापन में अवगत करवाया गया कि राजस्थान सरकार द्वारा विधानसभा सत्र में 3 संभाग व 19 जिलों की घोषणा की गई थी। जिसमें अनूपगढ़ को नया जिला बनाया गया। वहीं रामलुगाया कमेटी के परिसीमन अनुसार खाजूवाला उपखंड व छतरगढ़ उपखंड को तोड़कर अनूपगढ़ में शामिल किया गया है। उपखंड खाजूवाला व उपखंड छतरगढ़ को नवसृजीत जिला अनूपगढ़ में शामिल कर पूर्ण रूप से लागू कर दिया गया है। जिससे इन दोनों उपखंडों के लोगों में भारी रोष व्याप्त है। क्योंकि दशकों से खाजूवाला सीमावर्ती क्षेत्र का कस्बा हमेशा अपेक्षित रहा। सन 2005 तक विधानसभा लूणकरणसर रही और पंचायत समिति बीकानेर रही। जिसके चलते विकास कार्य नहीं हुआ। 2005 के बाद विधानसभा बनी व खाजूवाला पंचायत समिति बनी, सिविल न्यायालय, सिंचाई विभाग के बड़े दफ्तर और शिक्षा व चिकित्सा के ब्लॉक स्तर के कार्यालय, राजस्व अपील अधिकारी कैंप, अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश, केंद्रीय विद्यालय, राजकीय महाविद्यालय, राजकीय आईटीआई महाविद्यालय खुले तथा नगरपालिका कार्यालय बना। इसके साथ ही खाजूवाला मंडी विकास के पद पर अग्रसर हुआ ही था, तभी अनूपगढ़ जिले में खाजूवाला तहसील को तोड़कर शामिल कर दिया गया। खाजूवाला की बीकानेर से 120 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। जिसमें भौगोलिक स्थिति बीकानेर जिले बीकानेर जिले के साथ संबंध रखती है। खाजूवाला को अनूपगढ़ में जोड़ने को लेकर पूर्व में भी प्रदर्शन किया गया था। वहीं अब वर्तमान में 31 दिनों से लगातार उपखंड अधिकारी कार्यालय के सामने धरना चल रहा है। जिसमें लोगों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा है कि जब तक खाजूवाला व छतरगढ़ के डी-नोटिफिकेशन जारी नहीं हो जाता है। तब तक खाजूवाला उपखंड अधिकारी कार्यालय के आगे धरना यथावत जारी रहेगा। वही मांग की थी जल्द से जल्द खाजूवाला व छतरगढ़ उपखंडो को पूर्व की भांति पूर्ण कर बीकानेर जिले में जोड़ा जाए। शुक्रवार को धरना स्थल पर दर्जनों लोग उपस्थित रहे।