मुसलाधार बरसात के आगे प्रशासन की खुली पोल
खाजूवाला, क्षेत्र में सीजन की पहली ही मुसलाधार बरसात ने प्रशासन की पोल खोल कर रख दी और मण्डी में जगह-जगह पर भारी मात्रा में पानी जमा होने से आमजन बुरी तरह से त्रस्त है। उपखण्ड अधिकारी, तहसीलदार निवास को बचाने के लिए मुख्य द्वार पर मिट्टी लगानी पड़ी अन्यथा इनके घर भी डूब जाते।
शुक्रवार प्रातः लगभग 2 बजे से प्रारम्भ हुई बरसात ने प्रशासन की व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी। लगता है कि प्रशासन द्वारा मुसलाधार बरसात के बाद क्या करना है, कोई योजना ही नहीं बनाई अन्यथा मण्डी के ऐेसे हालात ना होते। सरकारी कार्यालय तहसील परिसर और तहसील के कमरों में पानी भर गया। क्या प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं बनती कि समय रहते तहसील परिसर में पानी ना घुसे इसके लिए कोई योजना बनाये। प्रत्येक वर्ष भयंकर बरसात से मण्डीवासियों को लाखों रूपये का नुकसान होता है लेकिन प्रशासन को इससे कोई सरोकार नहीं है अन्यथा कभी कोई योजना बनती कि बरसात के पानी की निकासी कैसे करनी चाहिए। कहने को तो मण्डी में नगरपालिका बन चुकी है लेकिन नगरपालिका के बाद मण्डी की दुर्गति ज्यादा हो रही है। हाॅस्पीटल के मुख्य द्वार से लेकर पावली रोड़ पर अक्सर भारी मात्रा में पानी जमा होता है लेकिन प्रशासन को इससे कोई लेना-देना नहीं है अन्यथा नगरपालिका बनने के बाद इसके लिए कोई योजना बनती। सैंकड़ों बार प्रशासन को अवगत करवाने तथा आये दिन समाचार पत्रों में समाचार प्रकाशित होने तथा मण्डीवासियों के धरना-प्रदर्शन के बाद भी कुछ नहीं हुअ। नगरपालिका प्रशासन द्वारा हर बार झूठा आश्वासन दे दिया जाता है और लोग अपने-अपने काम लग जाते हैं लेकिन समस्या का स्थाई समाधान नहीं होता। प्रशासन के नुमाईंदे आरसीपी काॅलोनी में रहते हैं ऐसे में बरसात का पानी जमा होने के कारण तुरंत प्रभाव से जनरेटर लगाया गया और पानी निकासी की गई। मण्डी और क्षेत्र की जनता प्रशासन से पूछे कि आखिर आप क्या कर रहे हो, खाजूवाला में हालात ऐसे हैं कि लोगों को रोना आता है लेकिन प्रशासन को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता और ना ही कोई काम मण्डी में हो रहा है। लाखों-करोड़ों रूपये बजट विकास के नाम पर लग जाता है और स्थिति जस की तस बनी हुई है। बाजार, गली और मौहल्ला जहां देखों चहुंओर पानी ही पानी जमा होने के कारण मण्डीवासी खासे परेशान हैं, ऐसे में प्रशासन को कोस रहे हैं और प्रशासन गहरी नींद में सोया रहता है। मण्डी में जिनके घर कच्चे हैं, उनके घरों में पानी भर गया वहीं कच्ची दीवारें गिरने से नुकसान भी हुआ।
मुसलाधार बरसात के आगे प्रशासन की खुली पोल
