राजस्थान: पानी की आस में ऊंटनी के बच्चे की टांके में फंसकर मौत, रात भर शव के पास आंसू बहाती रही मां
R.खबर ब्यूरो। जैसलमेर, इंसान हो या जानवर, मां और बच्चे का रिश्ता बेहद अनमोल होता है। मां के सीने से लिपटकर वो दुनिया के सारे डर खुद से दूर रखता है। मां का पल्लू थामे ही वह बड़ा होना सीखता है। बच्चे की हल्की चोट भी मां के रोंगटे खड़े कर देती है। और उसकी आंखों से आंसू झरने की तरह बहने लगते हैं। वह उसे ठीक करने के लिए सब कुछ करती है, लेकिन क्या हो जब एक मां बेबस अपने बच्चे की अवाज पर पहुंची जगह पर उसे मरा हुआ पाएं। जरा सोचिए वो मंजर कितना दिल दहला देने वाला होगा।
राजस्थान की स्वर्ण नगरी के नाम से मशहूर जैसलमेर जिले में एक ऐसी ही घटना सामने आई है, जिसकी तस्वीर सोशल मीडिया पर दिल को झकझोर रही है। जिसे देखकर हर किसी की आंखें नम हो रही हैं। जिसमें एक ऊंटनी का बच्चा टांके में फंसकर मर गया। और उससे थोड़ी ही दूरी पर खड़ी उसकी मां (मादा ऊंटनी) अपने बच्चे के शव को निहारती रही।
ऊंट का आधा शरीर टांके में था फंसा:-
जानकारी के अनुसार यह दर्दनाक तस्वीर देगराय ओरण क्षेत्र की है। जहां सांवता गांव के पास जंगल में एक खाली टांके में करीब दो फीट गहरा टांका बना था, जिस पर ढक्कन नहीं था। उसके मुंह में ऊंट का आधा शरीर फंसा हुआ था। जिसके देखकर हर किसी की रूंह कांप गई थी।
पानी की आस में गई जान:-
यह घटना पिछले शनिवार की बताई जा रही है। संभवतः ऊंट पानी की तलाश में देगराय ओरण में बने खुले टांके में अपना सिर झुकाया होगा। जैसे ही उसे पानी दिखा, उसने अपना मुंह उसमें डाला और पानी पीकर बाहर आने ही लगा होगा की अचानक, आसपास की फिसलन के कारण उसके पिछले पैर फिसलने लगे होंगे। और वह अपना संतुलन बनाए रखने में असमर्थ रहा होगा। जिसके कारण वह टांके के ठीक बीच में जोर से गिरा, जहां उसके पैर अंदर और सिर बाहर रह गया। फिर भी उसने बाहर आने की बहुत कोशिश की होगी, लेकिन वह बाहर नहीं आ सका। और गंभीर चोट के कारण उसकी सांसें वहीं थम गई होंगी।
रात भर बेटे के पास खड़ी रही ऊंटनी मां:-
थोड़ी दूर पर एक और ऊंटनी खड़ी थी, जो शायद अपने बच्चे की आवाज सुनकर वहां पहुंची थी। बच्चे की हालत देखकर उसकी आंखों से लगातार आंसू बह रहे थे। वह भी पूरी रात वहीं रोती रही। ग्रामीणों के मुताबिक रविवार सुबह जब उन्होंने देखा तो मादा ऊंटनी का शरीर कांप रहा था और उसकी आंखों में आंसू के निशान दिख रहे थे।