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R.खबर ब्यूरो। नए साल में राजस्थान में सरपंच चुनावों को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। राज्य में वन स्टेट, वन इलेक्शन और पंचायत समिति व जिला परिषदों के पुनर्गठन के कारण सरपंच चुनावो को आगे बढाया गया है। जिन ग्राम पंचायतों में सरपंचों का कार्यकाल समाप्त होगया है, वहां प्रशासनिक कामकाज को लेकर सरकार नए विकल्प तलाश रही है।

सरकार का नया प्लान:-

सरकार मध्य प्रदेश की तरह ग्राम पंचायतों में कमेटी बनाकर मौजूदा सरपंचों को कमेटी का प्रधान बनाने की योजना पर विचार कर रही है। इस मॉडल के तहत सरपंच ग्राम पंचायतों में प्रशासक के रूप में कार्य करेंगे।

सरपंच बन सकते हैं प्रशासक:-

यदि राजस्थान सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है, तो मौजूदा सरपंच अपने कार्यकाल समाप्त होने के बाद में भी ग्राम प्रधान के रूप में प्रशासक का कार्य करेंगे। इसके साथ ही, झारखंड और उत्तराखंड राज्यों के फॉर्मूलों का भी अध्ययन किया गया है, ताकि सबसे उपयुक्त विकल्प चुना जा सके।

सरपंच संघ ने रखा प्रस्ताव:-

राजस्थान सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने पंचायतीराज सचिव डॉ. जोगाराम से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने सरकार से सरपंचों का कार्यकाल बढ़ाने का प्रस्ताव रखा और पंचायतों के सुचारू संचालन की मांग की।

क्या होगा आगे?

जानकारी के अनुसार सरकार जल्द ही इस मामले में अंतिम निर्णय लेगी। यदि मौजूदा सरपंचों को ग्राम प्रधान के रूप में कार्य करने का अवसर मिलता है, तो यह मॉडल ग्राम पंचायतों में कार्यक्षमता और प्रशासनिक स्थिरता सुनिश्चित कर सकता है।