राजस्थान ब्रेकिंग: अटारी-वाघा बॉर्डर से वापस लौट गई शैतान सिंह की बारात, 4 साल से था तारीख का इंतजार

राजस्थान ब्रेकिंग: अटारी-वाघा बॉर्डर से वापस लौट गई शैतान सिंह की बारात, 4 साल से था तारीख का इंतजार

R.खबर ब्यूरो। राजस्थान, जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद अटारी-वाघा सीमा चौकी बंद होने के बाद बाड़मेर के एक युवक की शादी अटक गई। बताया जा रहा है कि दूल्हा अपने परिवार के साथ अटारी पहुंचा था, लेकिन अधिकारियों ने उन्हें वापिस लौटा दिया. जानकारी के अनुसार बाड़मेर जिले के इंद्रोई गांव के निवासी शैतान सिंह (25) की शादी 30 अप्रैल को पाकिस्तान के अमरकोट शहर में होनी थी। परिवार ने शादी की सारी तैयारी कर ली थी और अटारी-वाघा सीमा पर भी पहुंच गए, लेकिन वहां उनकी सारी योजनाएं धरी रह गईं। शैतान सिंह की सगाई पाकिस्तान की 21 वर्षीय केसर कंवर से 4 साल पहले हुई थी। कई साल के प्रयास के बाद इस साल 18 फरवरी को उन्हें, उनके पिता और भाई को वीजा दिया गया। उनका परिवार 23 अप्रैल को अटारी सीमा के लिए रवाना हुआ। फिर एक दिन बाद सीमा पर पहुंचा, लेकिन 24 अप्रैल तक तनाव बढ़ने के कारण सीमा बंद हो गई।

दुल्हन की विदाई के इंतजार में हालात सुधरने की उम्मीद :-

हालांकि, शैतान सिंह ने उम्मीद नहीं छोड़ी है। उनके वीजा की तारीख 12 मई तक है। ऐसे में उम्मीद है कि तब तक कुछ हालत सुधरेंगे और वो अपनी दुल्हन की पाकिस्तान से विदाई कर अपने घर लाएंगे। शैतान सिंह ने कहा, “हमने इस दिन का लंबे समय तक इंतजार किया है। आतंकवादियों ने जो कुछ भी किया वह बहुत गलत है। मेरी शादी होनी थी, लेकिन अब नहीं जाने दे रहे हैं। अब तो शादी में रुकावट हो गई, क्या करें? यह सीमा का मामला है।” 

सोढ़ा राजपूतों पाकिस्तान में भी तय करते हैं रिश्ते:-

पाकिस्तान के सिंध प्रांत में सोढ़ा राजपूतों की अच्छी खासी आबादी है। अक्सर अपनी सांस्कृतिक परंपराओं को बनाए रखने के लिए सीमा पार रिश्ते तलाशते हैं। जानकारी के अनुसार शैतान सिंह उन लोगों में से एक हैं, जिनके रिश्तेदार पाकिस्तान में रहते हैं। वहीं, मान्यतानुसार एक ही गौत्र में शादी नहीं हो सकती। ऐसे में राजपूतों की ज्यादातर गौत्र के लोग भारत में निवास करते हैं। मजबूरन सोढ़ा राजपूत को शादियों के लिए पश्चिमी राजस्थान के बाड़मेर-जैसलमेर और बीकानेर का रुख करना पड़ता है। ऐसा ही कुछ मामला पाकिस्तान में रह रहे चारण समाज का भी है। उन्हें रिश्तेदारी के लिए भारत आना पड़ता हैं। 

सिंध और थार के बीच रोटी-बेटी का रिश्ता:-

दरअसल, सिंध और थार का रोटी-बेटी का रिश्ता है। जब थार के रेगिस्तान में अकाल पड़ता था तो राजस्थान के लोग पलायन कर सिंध जाते थे। जब रिश्ते तय होते थे तो वापस राजस्थान लौटना पड़ता था। ऐसे में आज भी कई ऐसे में परिवार हैं, जिनके परिवार के कुछ सदस्य भारत तो कुछ पाकिस्तान में रहते हैं।