जिस शव को अस्पताल में रखवाया, वह बेटे का निकला, पिता को घर पहुंचने पर पता चला एक्सीडेंट हुआ
दो तेज रफ्तार बाइक में आमने-सामने की भिड़ंत हो गई। हादसे में 3 युवकों की मौत हो गई। 2 गंभीर घायल हो गए। मौके पर भीड़ जुट गई। लोग मदद करने लगे। इनमें एक शख्स ऐसा भी था, जिसके बेटे की इस हादसे में मौत हो गई। लेकिन वह इससे बेखबर था। दूसरे लोगों के साथ वह भी घायलों को अस्पताल पहुंचाने में लगा रहा। यहां तक कि हॉस्पिटल में भी उसने एम्बुलेंस से लहूलुहान शवों को उतारने में मदद की। जब यह शख्स घर पहुंचा तो पता चला कि इस हादसे में उसके बेटे की भी मौत हो गई। हादसा सदर थाना इलाके में भगतपुरा गांव के पास पेट्रोल पंप के सामने बुधवार रात 9:30 बजे हुआ। दरअसल, हादसे के बाद भगतपुरा गांव के समाजसेवी हरिश्चंद्र कलाल गंभीर घायलों को हॉस्पिटल ले जाने के लिए अपनी गाड़ी में चढ़ा रहे थे। इस दौरान वहां मौजूद स्थानीय निवासी जेफरीन (40) भी घायलों को गाड़ी में चढ़ाने में उनकी मदद कर रहे थे। हरिश्चंद्र और जेफरीन घायलों को लेकर हॉस्पिटल पहुंचे। वहां दोनों घायलों को भर्ती करवाया। समाजसेवी हरिश्चंद्र कलाल ने बताया- इस भीषण हादसे में जेफरीन के बेटे ऐरोन (17) की भी मौत हो गई। लेकिन उन्हें इसकी जानकारी नहीं थी। घायलों को भर्ती करवाने के बाद तुरंत एम्बुलेंस में तीनों युवकों के शव भी हॉस्पिटल लाए गए। जेफरीन ने शवों को एम्बुलेंस से उतारने में भी मदद की। शव लहूलुहान हालत में होने के कारण जेफरीन अपने बेटे को पहचान नहीं पाए। इसके बाद घर लौटने पर जेफरीन को इसी सड़क हादसे में अपने बेटे की मौत होने का पता चला तो वे हक्का-बक्का रह गए। उनका रो-रोकर बुरा हाल हो गया।

