राजस्थान: बिजली का उत्पादन करने वाले गिरल पॉवर प्लांट में करोड़ों का घाटा, अब बेचने की तैयारी में सरकार
R.खबर ब्यूरो। राजस्थान, करोड़ों के घाटे के बाद सरकार ने बिजली उत्पादन के गिरल लिग्नाइट थर्मल पावर प्लांट को बेचने की तैयारी कर ली है। मिली जानकारी के अनुसार इसे बेचने का नया कंसेप्ट तैयार किया गया है, जो कंपनी यहीं 1100 मेगावाट क्षमता का लिग्नाइट आधारित पावर प्लांट लगाएगी, उसे ही गिरल प्लांट का भी संचालन करना होगा। इसमें 250 मेगावाट क्षमता की दो यूनिट है।
बता दें कि राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम ने इसकी निविदा जारी कर दी है। अनुमानित लागत 12150 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह टैरिफ आधारित होगा। खास यह है कि इसमें प्लांट बेचने की न्यूनतम दर 580 करोड़ रुपये रखी गई है। जबकि, प्लांट का निर्माण 1865 करोड़ की लागत से किया गया था। अभी तक करीब 1500 करोड़ रुपये का घाटा (संचित नुकसान) हो चुका है। प्लांट बाड़मेर में है और साल 2016 से बंद है।
पिछली सरकार ने किया था होमवर्क:-
निगम फिर से बिजली उत्पादन शुरू नहीं कर सका। इस कारण पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने भी इसे बेचने के लिए होमवर्क किया। उस समय न्यूनतम दर 900 करोड़ रुपये तय की गई थी। शेयर ट्रांसफर एग्रीमेंट सीएम तक को भेज दिया गया था, लेकिन बाद में इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया।
30 प्रतिशत ही बिजली उत्पादन:-
प्लांट से व्यावसायिक उत्पादन 2008 को शुरू किया गया। राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग के मानदंड के अनुसार प्लांट की कुल उत्पादन क्षमता के अनुपात में 75 प्रतिशत बिजली उत्पादन नहीं होता है तो उस इकाई को घाटे में माना जाता है। गिरल प्लांट में 2009 से 2016 के बीच 15 से 30 प्रतिशत तक ही बिजली उत्पादन होता रहा।