Rajasthan: दवा या दर्द? खांसी के इलाज में बुझ गया घर का चिराग; परिजनों ने चूरू से जयपुर तक लगाई थी दौड़
R.खबर ब्यूरो। ऐसी कौनसी खांसी है कि जान की दुश्मन ही बन जाएं या फिर ऐसी कौनसी दवा है जो किसी मर्ज को दर्द दे जाए? चूरू में ऐसा ही एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। बीती रात एक मासूम बच्चे की खांसी और उसकी दवा ने मिलकर उसके परिवार का चिराग बुझा दिया।
दादा ने खोया पोता:-
चूरू के वार्ड नंबर 39 निवासी बच्चे अनस के दादा ने बताया कि 30 सितंबर को उसकी दादी बानो और पिता नवाब उसे राजकीय भरतिया अस्पताल लेकर गए थे। डॉक्टरों ने खांसी की दवा और कफ सिरप लिखा। सिरप देने के बाद बच्चे की तबीयत बिगड़ने लगी।
2 अक्टूबर को फिर उसे अस्पताल ले जाया गया और 3 अक्टूबर तक मातृ एवं शिशु वार्ड में इलाज चलता रहा। हालत में सुधार न होने पर बच्चे को जयपुर रेफर किया गया।
जयपुर में नहीं बच पाई जान:-
परिजनों के अनुसार, 4 अक्टूबर को अनस को जयपुर के जे.के. लोन अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां पिता और अन्य रिश्तेदार उसके साथ थे। तमाम कोशिशों के बावजूद मासूम ने दम तोड़ दिया।
अंतिम विदाई और जांच की मांग:-
परिवार के सदस्य अतर खान ने बताया कि उन्होंने इस घटना की जानकारी पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ को दी, जिन्होंने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को तुरंत अवगत कराया। पोस्टमार्टम के बाद बच्चे का शव परिजनों को सौंप दिया गया। रविवार को चूरू में बिलखते हुए परिजनों ने अपने लाड़ले को अंतिम विदाई दी।

