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राजस्थान: प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 31 अक्टूबर को मेगा पीटीएम, विद्यार्थियों को मिलेगा ‘श्रीकृष्ण भोग’

R.खबर ब्यूरो। जयपुर, विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच संवाद को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से राजस्थान के सभी सरकारी स्कूलों में पहली बार 31 अक्टूबर को मेगा पेरेंट-टीचर मीटिंग (पीटीएम) आयोजित की जाएगी। इस विशेष अवसर पर विद्यार्थियों को ‘श्रीकृष्ण भोग’ परोसा जाएगा, जिसमें पौष्टिक और पारंपरिक व्यंजन शामिल होंगे।

श्रीकृष्ण भोग कार्यक्रम के लिए निर्देश जारी:-

मिड-डे-मील योजना के तहत श्रीकृष्ण भोग कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर अतिरिक्त आयुक्त मिड-डे-मील मयंक शुक्ला ने निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार द्वारा ‘प्रखर राजस्थान अभियान 2.0’ के तहत 5 सितंबर से 5 दिसंबर तक शिक्षा गुणवत्ता बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है।

इस अभियान के तहत 31 अक्टूबर, राष्ट्रीय एकता दिवस पर विद्यालय स्तर पर मेगा पीटीएम आयोजित होगी। इस दिन जनसहभागिता बढ़ाने और विद्यार्थियों की प्रगति को अभिभावकों के साथ साझा करने के लिए सभी संस्था प्रधानों को विद्यालयों में श्रीकृष्ण भोग कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिए गए हैं।

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पीटीएम का उद्देश्य:-

इस मेगा पीटीएम का मुख्य उद्देश्य विद्यालय और अभिभावकों के बीच संवाद को गहरा करना, विद्यार्थियों की शैक्षणिक प्रगति पर चर्चा करना और शिक्षा की गुणवत्ता में सामूहिक सुधार सुनिश्चित करना है।

शिक्षक अभिभावकों को विद्यार्थियों की अध्ययन प्रगति, उपस्थिति, व्यवहार, परीक्षा परिणाम और आगामी शिक्षण योजनाओं की जानकारी देंगे। साथ ही विद्यालय सुधार के लिए अभिभावकों से सुझाव भी लिए जाएंगे।

परिपत्र के अनुसार सभी स्कूलों में 31 अक्टूबर को सुबह 10 बजे से निर्धारित समय पर एक साथ बैठकें आयोजित होंगी। कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों की ओर से सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, प्रदर्शनियां और प्रेरक गतिविधियां भी होंगी।

‘विविधता में एकता’ रहेगा विषय:-

इस वर्ष मेगा पीटीएम का विषय ‘विविधता में एकता’ रखा गया है। इसी थीम के तहत स्कूलों में सामाजिक सौहार्द, राष्ट्रीय एकता और सहयोग की भावना को बढ़ावा देने वाली गतिविधियां आयोजित की जाएंगी।

राज्यभर के विद्यालयों में इस अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम, निबंध लेखन, चित्रकला, स्लोगन लेखन, वाद-विवाद, कविता-पाठ और मॉडल प्रदर्शन जैसी प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी।