Rajasthan: लाखों लोगों को दी ट्रैफिक जागरूकता, 51 हजार चालान, हजारों वाहन सीज, सैकड़ों लाइसेंस रद्द… पढ़ें पूरी रिपोर्ट

R.खबर ब्यूरो। राजस्थान में सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में चल रहा 4 से 18 नवंबर तक का 15-दिवसीय प्रदेशव्यापी सड़क सुरक्षा अभियान लगातार प्रभावी साबित हो रहा है। पुलिस और परिवहन विभाग की संयुक्त कार्रवाई ने रिकॉर्ड स्तर पर नियम उल्लंघनकर्ताओं पर नकेल कसी है, जिससे लापरवाह चालकों में हड़कंप मचा हुआ है। ताज़ा आंकड़ों के अनुसार, पुलिस ने अब तक करीब 5 लाख नागरिकों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक किया है, जबकि तेज़ रफ्तार से वाहन चलाने पर 51 हजार से अधिक चालकों पर सख्त कार्रवाई की गई है।

पुलिस विभाग की सख्त कार्रवाई:-

4 से 14 नवंबर तक चले अभियान में पुलिस ने नियम तोड़ने वाले चालकों के खिलाफ व्यापक स्तर पर कार्यवाही की। तेज गति से वाहन चलाने पर 51,289 चालकों, शराब पीकर ड्राइविंग पर 7,516, गलत दिशा में वाहन चलाने पर 36,941, खतरनाक ड्राइविंग पर 3,253, बिना रिफ्लेक्टर 10,548 और बिना नंबर प्लेट वाले 19,199 वाहनों पर चालान किए गए।

इसके साथ ही विभाग ने 4,98,373 लोगों को सुरक्षित ड्राइविंग और यातायात नियमों के महत्व के बारे में जागरूक किया। इससे स्पष्ट है कि दुर्घटनाओं में कमी लाने में जागरूकता को गंभीरता से लिया जा रहा है।

एनएच-48 मॉडल पर लेन ड्राइविंग पर फोकस:-

अभियान के दौरान प्रदेश के प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों पर एनएच-48 मॉडल की तर्ज पर लेन ड्राइविंग की व्यवस्था को मजबूत किया गया। पुलिस टीमों ने लेन अनुशासन के लिए विशेष निगरानी रखते हुए नियम तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की।

परिवहन विभाग की भी रिकॉर्ड कार्रवाई:-

परिवहन एवं सड़क सुरक्षा विभाग ने भी अभियान में समान रूप से मोर्चा संभालते हुए 19,892 वाहनों के चालान किए।
इसमें—

  • ओवरलोडिंग पर 1,224 मालवाहक वाहन
  • क्षमता से अधिक यात्री बैठाने पर 206 यात्री वाहन
  • छत पर सामान रखकर चलने वाली 44 बसें शामिल हैं।

इसके अलावा विभाग ने—

  • 1,034 वाहनों को सीज
  • 434 ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित
  • 98 वाहनों के पंजीकरण निरस्त
  • 46 वाहनों के परमिट रद्द किए

विभागों के बीच बेहतर समन्वय:-

अभियान की सबसे बड़ी खासियत विभिन्न विभागों के बीच बेहतर तालमेल रहा। स्वास्थ्य विभाग ने 45 वर्ष से अधिक उम्र के भारी वाहन चालकों की आंखों की जांच कर जरूरतमंदों को चश्मे दिए। पीडब्ल्यूडी ने सड़कों से झाड़ियाँ हटाने, स्पीड ब्रेकर ठीक करने, चेतावनी संकेतक लगाने और अनाधिकृत कट बंद करने जैसे कार्य किए। नगरीय विकास विभाग ने फुटपाथों को अतिक्रमण मुक्त करने और रोड लाइट्स दुरुस्त करने पर ध्यान दिया।

सड़क सुरक्षा पर जीरो टॉलरेंस:-

राज्य सरकार की सख्त कार्रवाई से यह साफ है कि अब सड़क सुरक्षा केवल जागरूकता तक सीमित नहीं है, बल्कि नियमों के उल्लंघन पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है। यह समन्वित प्रयास प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है।