राजस्थान: इंदिरा गांधी नहर में पानी आपूर्ति बंद, इन 10 जिलों को भंडारित पेयजल से चलाना होगा काम
R.खबर ब्यूरो। बीकानेर, प्रदेश के 10 जिलों को आगे एक महीने तक नहरी पानी की बूंद-बूंद का उपयोग सोच-समझकर करना होगा। जानकारी के अनुसार उत्तरी और पश्चिमी राजस्थान के इन जिलों को नहरी पानी आपूर्ति करने वाली इंदिरा गांधी नहर परियोजना (आईजीएनपी) में मंगलवार को पानी की आपूर्ति मिलनी बंद हो गई है।
पंजाब के फिरोजपुरा जिले में बने हरिके बैराज से सोमवार आधी रात के बाद आईजीएनपी में पानी की आपूर्ति को कम करना शुरू किया गया। बताया जा रहा है कि मंगलवार की सुबह बैराज से नहर में पानी की आपूर्ति शून्य कर दी गई है। अब एक महीने पूर्ण नहरबंदी रहेगी। इसके बाद 20 मई को नहर में पानी छोड़ा जाएगा। इस दौरान नहरी पानी पर निर्भर जिलों को अपने यहां जल स्रोतों और रिजर्व वाटर वायर में जमा पानी से पेयजल जरूरतों को पूरा करना होगा।
20 मई को नहर में पानी छोड़ा जाएगा:-
आईजीएनपी श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर, नागौर, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, चूरू, झुंझुनूं, सीकर जिले को पेयजल आपूर्ति करती है। हर साल अप्रैल-मई में नहरबंदी कर मुख्य नहर की सफाई, मरम्मत और रिलाइनिंग का कार्य कराया जाता है। इस बार पूर्ण नहरबंदी सोमवार आधी रात से शुरू होकर 20 मई आधी रात तक रखी गई है।
पानी की आपूर्ति करने के लिए होगी कटौती:-
इंदिरा गांधी नहर पर पेयजल के लिए निर्भर जिलों में जलदाय विभाग ने जल भंडारण किया है। उससे रोजाना पेयजल आपूर्ति करने पर करीब 17 दिन काम चल सकता है। गर्मी बढ़ने पर लोगों की पानी की जरूरत बढ़ेगी। ऐसे में भंडारित पानी को 30 दिन तक लोगों को उपलब्ध कराने के लिए जलदाय विभाग एक दिन के अंतराल से पानी की आपूर्ति करेगा। इससे 15-17 दिन का पानी 30 दिन में लोगों को दिया जा सकेगा। जानकारी के अनुसार नहरबंदी समाप्त होने के करीब एक सप्ताह बाद नहर और इसकी पाईप लाइन के अंतिम छोर तक पहुंचता है। ऐस में शुरुआती पानी को पेयजल के लिए उपयोग भी नहीं लिया जाता। ऐसे में विभाग नहरबंदी के अंतिम दस दिन में एक की जगह दो दिन के अंतराल पर एक बार ही पानी दे पाता है।
नहर में पानी आपूर्ति बंद:-
अब 20 मई तक आईजीएनपी में पूर्ण नहर बंदी रहेगी। इस दौरान जल स्रोतों में भंडारित पानी से जलदाय विभाग अपने स्तर पर पेयजल आपूर्ति करेगा। बताया जा रहा है कि विभाग को आंशिक नहरबंदी के दौरान एक महीने मिला दो हजार क्यूसेक पानी उपलब्ध कराया गया था। इसे नहरबंदी के एक महीने की जरूरत को पूरा करने के लिए जलदाय विभाग ने जलाश्यों, रिजर्व वायर और डिग्गियों में भर कर रखा है।