अलवर/लक्ष्मणगढ़। रूस में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे अजीत चौधरी का शव मिलने के बाद उनके अलवर स्थित घर में मातम पसरा हुआ है। बेटे के रूस से लौटने की उम्मीद में जो मां और बहन पहले रोज़ उसकी राह देखती थीं, अब उसी की याद में पूरी रात जागती और बिलखती रहती हैं। घर में बीते 20 से अधिक दिनों से चूल्हा नहीं जला है। पड़ोसी भोजन भेजते हैं, लेकिन परिजनों के गले से एक निवाला भी नहीं उतर रहा।मां का हाल बेहद नाजुक है। जो भी उनसे मिलने जाता है, वह बेटे को वापस लाने की गुहार लगाते हुए बार-बार बेहोश हो जाती हैं। बहन भी सदमे में है, और परिजनों की आंखें बेटे का नाम लेते ही छलक उठती हैं।
रूस में पोस्टमार्टम के बाद भी भारत में होगी जांच
अजीत के परिजनों ने बताया कि शव को मिले पांच दिन हो चुके हैं, लेकिन अभी तक पोस्टमार्टम नहीं हुआ है। रूस में प्रारंभिक पोस्टमार्टम किया जा चुका है, मगर परिवार की मांग है कि भारत लौटने पर मेडिकल बोर्ड द्वारा दोबारा पोस्टमार्टम कराया जाए, ताकि मौत के कारणों की सच्चाई सामने आ सके।अजीत चौधरी (22), निवासी कफनवाड़ा गांव, रूस के उफा स्थित बश्किर स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे थे। वे 19 अक्टूबर से लापता थे। करीब 19 दिन बाद, 6 नवंबर को, उनका शव व्हाइट रिवर के पास एक बांध में मिला।
भारतीय दूतावास से नहीं मिल रही मदद
अजीत के चाचा भोमसिंह चौधरी ने बताया कि रूस में स्थित भारतीय दूतावास से परिवार को अब तक कोई ठोस जानकारी नहीं मिली है। उन्होंने कहा — “हम बार-बार कॉल करते हैं, लेकिन कभी-कभार ही जवाब मिलता है। शव को भारत लाने की प्रक्रिया बेहद धीमी है।”
परिवार अब शव को जल्द से जल्द भारत लाने की अपील कर रहा है। वहीं गांव में भी शोक और आक्रोश का माहौल है। ग्रामीणों ने केंद्र सरकार से छात्र के पार्थिव शरीर को जल्द स्वदेश लाने की मांग की है, ताकि परिवार को अंतिम दर्शन हो सकें।

