











RSRTC: जाली मार्कशीट और ट्रांसफर सर्टिफिकेट से 30 साल तक चालक पद पर नौकरी करने वाला कर्मचारी आखिरकार सेवा से बर्खास्त
R.खबर ब्यूरो। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC) में फर्जी शैक्षणिक दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने वाले चालक को आखिरकार सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार झुंझुनूं निवासी सतवीर सिंह पुत्र रामूराम ने आठवीं कक्षा की कूटरचित मार्कशीट व ट्रांसफर सर्टिफिकेट बनवाकर 28 अक्टूबर 1996 को रोडवेज में चालक पद पर नियुक्ति प्राप्त की थी। करीब 30 साल तक नौकरी करते हुए उसने कर्मचारी संगठनों में दखल रखते हुए रौब भी जमाया।
साल 2023 में उसकी शैक्षणिक योग्यता को लेकर शिकायत हुई। जांच अधिकारी सेवानिवृत्त RAS अधिकारी हनुमान सिंह गुर्जर ने दस्तावेजों को फर्जी पाया। असली रिकॉर्ड में ट्रांसफर सर्टिफिकेट एसआर नंबर 1071 छात्र प्रभाती लाल शर्मा के नाम पर था, जबकि सतवीर सिंह का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला।
हालांकि आरोपी ने कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए कोर्ट से स्टे ले लिया था, लेकिन राजस्थान हाईकोर्ट ने 20 सितंबर 2025 को स्टे खारिज कर दिया। इसके बाद विभागीय नोटिस का भी सतवीर सिंह ने जवाब नहीं दिया।
अंततः जांच रिपोर्ट के आधार पर रोडवेज के कार्यकारी निदेशक प्रशासन एवं अनुशासनिक अधिकारी चांदमल वर्मा ने 29 सितंबर को आदेश जारी कर सतवीर सिंह को सेवा से बर्खास्त कर दिया।
रोडवेज प्रशासन के अनुसार, जाली दस्तावेजों पर मिली नियुक्ति सेवा प्रारंभ से ही शून्य मानी जाएगी।

