सीकर: कोचिंग सेंटरों में एकमुश्त फीस पर रोक, 10 दिन में अनिवार्य रिफंड का नियम लागू, छात्रों को मिलेगी बड़ी राहत

R.खबर ब्यूरो। सीकर जिला स्तरीय कोचिंग निगरानी समिति की बैठक मंगलवार को एडीएम रतन कुमार स्वामी की अध्यक्षता में आयोजित हुई। राजस्थान कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम 2025 के तहत हुई इस बैठक में पहली बार अभिभावकों और विद्यार्थियों को राहत देने वाले महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

जिले में संचालित सभी कोचिंग संस्थानों को गतिविधियां शुरू करने से पूर्व निर्धारित ऑनलाइन पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा। प्रत्येक शाखा को अलग संस्थान मानते हुए उसका अलग-अलग रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।

समिति ने स्पष्ट किया कि कोई भी कोचिंग सेंटर एकमुश्त फीस नहीं ले सकेगा। अभिभावकों से फीस चार किस्तों में ही ली जाएगी तथा पाठ्यक्रम की अवधि के अनुपात में निर्धारित होगी। यदि विद्यार्थी कोचिंग छोड़ता है तो 10 दिनों के भीतर उसे अनुपातिक शुल्क लौटाना अनिवार्य होगा।

शिकायत प्रकोष्ठ अनिवार्य

विद्यार्थियों और अभिभावकों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रत्येक कोचिंग संस्थान में शिकायत प्रकोष्ठ एवं शिकायत पेटिका स्थापित करनी होगी। साथ ही कोचिंग सेंटरों को भारत सरकार, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट की सभी गाइडलाइनों का पालन करना होगा। वैध अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र प्राप्त करना भी अनिवार्य रहेगा।

पाठ्यक्रम और सुविधा संबंधी प्रावधान:-

संस्थान अपने पाठ्यक्रम की अवधि, सिलेबस और उसकी संरचना पहले ही विद्यार्थियों को स्पष्ट रूप से बताएंगे। हॉस्टल संचालक और फैकल्टी सदस्य द्विमासिक बैठकें कर विद्यार्थियों से सुझाव लेंगे। कोचिंग सेंटर के स्थानांतरण पर भी अधिनियम के नियम लागू होंगे।

मॉनिटरिंग और स्टूडेंट वेलफेयर पर जोर:-

कोचिंग संस्थानों की प्रभावी मॉनिटरिंग सुनिश्चित करने के लिए समिति की बैठक हर दो माह में आयोजित होगी। विद्यार्थियों में अवसाद दूर करने, नशा मुक्ति जागरूकता तथा मानसिक स्वास्थ्य सुधार के लिए मनोवैज्ञानिक चिकित्सकों द्वारा नियमित काउंसलिंग करवाई जाएगी और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होंगे।

बैठक में जिला परिषद सीईओ राजपाल यादव, सीओ सिटी संदीप सिंह, डीटीओ ताराचंद बंजारा, जिला साक्षरता अधिकारी चंद्रप्रकाश महर्षि, सहायक निदेशक प्रशासनिक सुधार विभाग इंद्रा शर्मा, समन्वयक राकेश लाटा सहित समिति के अन्य सदस्य एवं कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।