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खाजूवाला, भारत-पाक अन्र्तराष्ट्रीय सीमा पर बसे खाजूवाला में यू तो बहुत की सुविधाओं का अभाव है। लेकिन यहां अगर कोई सबसे बड़ी समस्या है तो वह है स्वास्थ्य व्यवस्था। जिला मुख्यालय से 113 किलोमीटर दूर खाजूवाला में सीएचसी बनी हुई है। जिसमें वर्षों के इंतजार के बाद सोनोग्राफी की सुविधा शुरू हुई थी। लेकिन लगभग दो महीने से मशीन फिर से बंद हो गई। जिसके चलते ग्रामीणों को निजी लेब से व अन्यत्र जाकर महंगे दामों में रिपोर्ट करवानी पड़ रही है। गौरतलब है कि खाजूवाला के मरीज को अगर सोनोग्राफी करवानी होती है तो वह या तो बीकानेर जाने को मजबूर है या फिर घड़साना। जो कि दोनों ही स्थान दूर है। जिससे मरीजों को आर्थिक संकट से गुजरना पड़ रहा है।

सोनोलॉजिस्ट का लगने से पहले स्थानांतरण :-

खाजूवाला में बड़ी मुस्किल से चिकित्सकों व विधायक के प्रयासों से सोनोलॉजिस्ट को लगाया गया था। जिसमें डॉक्टर एक सप्ताह में एक दिन बीकानेर से आकर खाजूवाला हॉस्पिटल में सोनोग्राफी करते थे। लेकिन कुछ समय बाद ही उसी चिकित्सक का ट्रांसफर होने के कारण एक बार फिर से मशीन बंद हो गई है। यूं तो खाजूवाला दूर होने के कारण कोई भी यहां आकर काम करने में खुश नहीं होता है लेकिन जैसे तैसे करके एक चिकित्सक सप्ताह में एक बार आता था जिसका भी तबादला हो गया है। जिसके कारण खाजूवाला के मरीजों को फिर से भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।

सोनोग्राफी के लिए लंबी दूरी करनी पड़ती है तय :-

बीकानेर जिला मुख्यालय से 113 किलोमीटर दूर अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक बसा खाजूवाला जहां पर काफी दूर-दूर क्षेत्र के लोग अपना स्वास्थ्य परामर्श लेने के लिए खाजूवाला के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में आते है और यहां पर एक माह में लगभग 40 से अधिक महिलाओं की डिलीवरी भी होती है। ऐसे में प्रत्येक महिला को डिलीवरी से पहले तीन से चार बार सोनोग्राफी करवाना पड़ता है। यहां सालों के इंतजार के बाद खाजूवाला हॉस्पिटल में सोनोग्राफी की सुविधा शुरू हुई थी। जो कि सोनोलॉजिस्ट के स्थानान्तरण होने के बाद एक बार फिर से बन्द हो गई और एक बार फिर से धुल फांकने को मजबूर हो गई। सोनोलॉजिस्ट नही होने की बजह से खाजूवाला से मरीजों को बीकानेर जिला मुख्यालय 113 किलोमीटर या श्रीगंगानगर जिले के घङसाना 60 किलोमीटर जाकर सोनोग्राफी करवानी पङ रही हैं। खाजूवाला के विधायक व कैबिनेट मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने जब मशीन को शुरू करवाया था तब कहा था कि यहां पर सोनोलॉजिस्ट की परमानेंट ड्यूटी लगाकर नियमित रूप से मरीजों को सेवाएं उपलब्ध कराई जाएगी। लेकिन अब यह मशीन सोनोलॉजिस्ट के अभाव में बंद पड़ी है और अब इस ओर न तो कोई जनप्रतिनिधि ध्यान दे रहे है और ना ही कोई जिम्मेदार अधिकारी।

वर्जन:-
खाजूवाला हॉस्पिटल में सप्ताह में 1 दिन शुक्रवार को सोनोग्राफी करवाने के लिए बीकानेर से सोनोलॉजिस्ट को लगाया गया था। लेकिन उसी सोनोलॉजिस्ट का ट्रांसफर हो जाने के कारण अब ये मशीन पिछले डेढ़ माह से बंद पड़ी है। कैबीनेट मंत्री गोविंदराम मेघवाल व सीएमएचओ से वार्ता कर जल्द मशीन को शुरू करवाया जाएगा।
डॉ.अब्दूल रसीद
ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी, खाजूवाला