











बीकानेर, जिला कलेक्टर को गौ ग्राम सेवा संघ राजस्थान के राज्यव्यापी आह्वान पर प्रत्येक जिला स्तर पर लगने वाले ज्ञापन की श्रृंखला में बीकानेर में भी ज्ञापन प्रेषित किया।
वर्तमान राज्य सरकार ने एक विधेयक पास कर गौ संवर्धन नीधि 2016 में जिस मद से राजस्थान की गौशालाओं को अनुदान मिलता था और गौ संवर्धन के लिए कार्य किया जाता था उस पैसे का अन्य आपदाओं में खर्च करने का विधान पारित किया।
संघ के जिला अध्यक्ष महेंद्र सिंह लखासर ने बताया कि इस मद का पैसा मात्र गौशालाओं के संवर्धन और विकास के लिए ही लगाया जाएगा इस पैसे को अनंतर चीजों में खर्च नहीं किया जाएगा। परंतु वर्तमान गाय विरोधी सरकार ने इस संवर्धन निधि में एक नया विषय जोड़कर इसे आम आपदा प्रबंधन में भी प्रयोग करने के लिए विधानसभा में विधेयक पास किया। संगठन के बीकानेर गोशाला संघ के कार्यकारी अध्यक्ष सुरेश कुमार जोशी मोमासर ने बताया कि इस विधेयक का विपक्ष ने पूर्ण रुप से विरोध किया परंतु बिना बहस के हट धर्मी सरकार ने गाय विरोधी गतिविधि करते हुए, इस संवर्धन निधि के फंड को अन्य आपदा प्रबंधन में भी प्रयोग करने का प्रस्ताव जबरदस्ती पास कर दिया।
बीकानेर गोशाला संघ के महासचिव निरंजन सोनी महाजन ने कहा कि इससे साफ जाहिर होता है कि वर्तमान सरकार की गाय के पक्ष में कोई विशेष रूचि नहीं है, यह सरकार धीरे-धीरे गौशालाओं के अनुदान को भी खत्म करने का प्रयास कर रही है। बीकानेर गोशाला संघ के उपाध्यक्ष सत्यनारायण स्वामी डूंगरगढ़ ने कहा कि पिछली बार वर्तमान सरकार ने 9 महीने के अनुदान देने की बात कही थी, उस विषय को तो भूल कर सरकार ने इस निधि का अन्य मदों में उपयोग करने का जो अनुशंसा आज की है। इससे धीरे-धीरे गौशालाओं का अनुदान समाप्त हो जाएगा और सरकार इस निधि का दुरुपयोग कर गौशालाओं को हानि पहुंचाने की चेष्टा करेगी।
गौ ग्राम सेवा संघ राजस्थान के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष सूरजमाल सिंह नीमराना कहां की राज्य सरकार के पास वर्तमान में जो गोशाला अनुदान के दायरे में नहीं है, ऐसी 1000 गौशालाओं को सहयोग करने का तो पैसा नहीं था परंतु अन्य आपदाओं में खर्च करने के लिए उन्होंने आज बिल पास कर दिया। यह कैसी विडंबना है कि गौ सेवा के लिए इके हुए पैसे को अन्य मदों में खर्च करके सरकार गौ भक्तों, गौ सेवकों और गोसेवी संस्थाओं को जानबूझकर मूर्ख बना रही है। और सरकार की गौ माता के प्रति उसकी निष्ठा पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। संघ के बलदेव दास भादानी ने कहा कि सरकार ने वादा किया था कि वे अनुदान भी बढ़ाएगी और 12 माह तक अनुदान देने की सिफारिश करेगी। परंतु सरकार हमारी गाय के मद में इके हुए पैसे को अन्य मदों में खर्च करके गाय के प्रति अन्याय कर रही है। संगठन ऐसा कदापि नहीं होने देगा इसके लिए संगठन पूरे राजस्थान में जोर शोर से आंदोलन चलाऐगा। इसलिए सभी गौशाला संचालकों को इस विधेयक का पुरजोर शब्दों में विरोध करना चाहिए।
आज के इस ज्ञापन प्रेषण में पार्षद अनूप गहलोत, प्रेम सिंह राठौड़, रघुनाथ सिंह शेखावत, विजय कोचर, मालती जोशी, धीमाराम जी मुकाम, संघ के मोहनदास देशनोक, सरवन सिंह राठौड़, चतुरदान चारण सिथल, मनोहर गंगाशहर, मदन दंतोर, हनुमान सिंह, धन्नेसिह तंवर, रामदयाल व्यास शोभासर, सीताराम कल्याण, भैराराम, अरविंद उभा तुलसी गौशाला, बीकानेर विष्णु सिंह राजपुरोहित, शीशपाल गर गोस्वामी, चांद वीर सिंह, प्रकाश वेद, बैरीशालसिंह, विशालसिंह आदि ने सरकार के इस प्रस्ताव की कड़े शब्दों में निंदा की और सरकार यदि बिल वापस नहीं लेती है तो कड़े आंदोलन की चेतावनी दी।

