तीन दिन भूख से रहा बेहाल, खंडहरों व निर्माणाधीन भवनों में काटे फरारी के दिन


खाजूवाला, खाजूवाला थाना क्षेत्र में दलित छात्रा से सामूहिक बलात्कार व हत्या के मामले में मुख्य आरोपी दिनेश बिश्नोई को पुलिस ने शनिवार को न्यायालय में पेश किया, जहां से उसे रिमांड पर भेजा गया है। पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने बताया कि आरोपी दिनेश बिश्नोई को न्यायालय में पेश कर पांच दिन के रिमांड पर लिया गया है। रिमांड के दौरान वारदात में शामिल अन्य आरोपियों की भूमिका के बारे में भी पूछताछ की जाएगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट व एफएसएल रिपोर्ट के बाद ही मौत का खुलासा हो सकेगा। पुलिस उक्त मामले में हर पहलू का बारीकी से जांच-पड़ताल कर रही है।

दोनों की पहले से थी जान-पहचान:-
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मृत छात्रा व मुख्य आरोपी दिनेश बिश्नोई की पहले से जान-पहचान थी। दोनों के बीच अक्सर बातचीत भी होती रहती थी। घटना वाले दिन भी दोनों के बीच बातचीत हुई थी। जिस कमरे में घटना हुई, उस समय आरोपी दिनेश वहां मौजूद था। आरोपी वारदात के बाद फरार हो गया। आरोपी ने फरारी नोखा, जोधपुर व नवलगढ़ में काटी। आरोपी ने रहने का ठिकाना सूने मकान, खण्डहर व बंद स्कूलों के साथ-साथ निर्माणाधीन भवनों को बनाया, ताकि लोग उस तक नहीं पहुंच सकें। और वह पुलिस से बचा रहे। इतना ही नहीं, आरोपी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वह तीन दिन तक भी भूखा रहा। उसके पास रुपए नहीं थे और जहां ठहरा, वहां खाने को कुछ नहीं मिला। नवलगढ़ में उसने रोटी खाई।

सिपाही मनोज ने की थी मदद:-
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि अब तक के अनुसंधान में सामने आया है कि युवती से बलात्कार व हत्या के मामले में सस्पेंड चल रहे सिपाही भागीरथ की भूमिका सामने नहीं आई है। वहीं घटना के बाद बर्खास्त सिपाही मनोज जाट ने उसकी मदद जरूर की थी। मुख्य आरोपी दिनेश ने भी युवती से बलात्कार में किसी अन्य आरोपी का नाम नहीं लिया है।

यह है मामला:-
सीमावर्ती कस्बे में 20 जून को दिन में एक युवती की बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई। प्रकरण में संलिप्त पाए जाने पर सिपाही मनोज कुमार जाट को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। वहीं थाने में लंबे समय से बैठे 19 कर्मचारियों को उस थाने से हटा कर अन्यत्र पदस्थापित किया गया। इस मामले में बर्खास्त सिपाही मनोज व कार चालक राकेश समेत अब तक सात जनों को गिरफ्तार किया जा चुका है।