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पश्चिमी राजस्थान में तापमान 47 डिग्री के पार

खाजूवाला, सीमावर्ती क्षेत्र में इन दिनों गर्मी ने अपना प्रचण्ड रूप दिखा रखा है। जिसके चलते एक ओर आम आदमी त्रस्त है वहीं दूसरी ओर सीमा पर तैनात जवान भीषण गर्मी के बावजूद भी अपनी ड्यूटी के लिए कटिबद्ध है। वहीं राज्य सरकार ने तेज गर्मी के कारण स्कूलों का समय 12 बजे कर दिया है। दोपहर 12 बजे से शांय 5 बजे तक अब बाजारों में भी सन्नाटा पसरा रहता है। दूसरी ओर बीएसएफ जवान गर्मी की परवाह न करके अपनी ड्यूटी करके देश के सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं।

प्रदेश से सटे 1037 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय भारतपाक सीमा है। वहीं बीकानेर जिले में लगभग 168 किलोमीटर व श्रीगंगानगर जिले में 210 किलोमीटर है। ये जवान सीमा पर भीषण लू से मुकाबला कर रहे हैं। संभाग मुख्यालय पर मौसम विभाग ने जहां रविवार को 47.1 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया है वहीं सरहद पर तपते धोरे शोले उगल रहे हैं और तपती बालू रेत और गर्म हवाओं के थपेड़ों के बीच जवान मुस्तैद है। जवान लू से बचाव के लिए मुंह पर स्कार्फ (कपड़ा) बांधकर सीमा चौकी से गश्त के लिए रवाना होते हैं। वहीं सभी ओपी टावरों पर लू व गर्मी से लड़ते हुए ड्यूटी कर रहे हैं। गर्मी से बचाव के लिए समयसमय पर नींबू पानी, ग्लूकोज दिया जाता है। वहीं ओपी टावर पर जवानों के लिए कूलर लगाए गए है। जिससे जवान लू की चपेट से बच सके।

जवानों के लिए ओपी पर लगाए कूलर:-

इसी के साथ ही जवानों के लिए सभी ओपी टावर्स पर वाटर कैम्पर की व्यवस्था की गई है। जिससे जवान को शुद्ध व ठण्डा पानी मिल सके। इससे जवानों का हौंसला बढ़ता रहे।

बीएसएफ के जवानों के भोजन में कुछ अन्य खाद्य वस्तुओं को जोड़ा गया है। अभी दूध, नींबू, ग्लूकोज और सलाद की आपूर्ति बढ़ाई गई है। गश्त पर जवानों के लिए तीन से चार बार ग्लूकोज, नींबू की शिकंजी और छाछ भेजी जाती है। दही और छाछ की जरूरत पूरी करने के लिए सामान्य दिनों की मुकाबले दूध अधिक खरीदा जा रहा है।

हर चौकी में बनाकोल्ड रूम:-

पश्चिम सीमा पर तैनात जवान गर्मी के दिनों में हर साल लूताप घात की चपेट में आते हैं। ऐसे में उन्हें बटालियन मुख्यालय और कुछ चुनिंदा सीमा चौकियों पर बने कोल्ड रूम में रखा जाता था। इस बार भी सीमा चौकियों पर कोल्ड रूम तैयार किए गए हैं। जवान ड्यूटी करके आराम कर सके। यहां एसी लगे इन कमरों का उपयोग लू की चपेट में आने पर जवान को प्राथमिक उपचार देने के लिए किया जाता है।