खाजूवाला, खाजूवाला क्षेत्र एक शिष्ट मंडल शुक्रवार को जयपुर में मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा से मिले तथा मुख्यमंत्री, राजस्व मंत्री, मुख्य सचिव व आपदा मंत्री को भी ज्ञापन देकर खाजूवाला को नवसृजित जिला अनूपगढ़ में शामिल नहीं किए जाने की मांग रखी।

ज्ञापन में अवगत करवाया कि राज्य सरकार द्वारा विधानसभा सत्र में 17 मार्च को राज्य में नए जिले बनाए गए। जो राज्य के विकास में स्वागत योग्य है। इन जिलों में अनूपगढ़ को भी नया जिला बनाया गया है। जिसमें रामलुभाया की कमेटी के परिसीमन अनुसार खाजूवाला उपखंड को शामिल किए जाने की प्रबल संभावना है। खाजूवाला उपखंड को नवसृजित जिला में शामिल किया जाता है तो खाजूवाला उपखंड के आमजन को भारी नुकसान होगा तथा नवसृजित जिले में शामिल किए जाने की संभावना मात्र से क्षेत्र के आमजन में काफी रोष है। दरअसल दशकों से खाजूवाला सीमावर्ती क्षेत्र का कस्बा हमेशा अपेक्षित रहा है। सन 2005 तक विधानसभा लुणकनसर रही और पंचायत समिति बीकानेर रही। जिसके कार्य विकास भी कम हुआ। सन 2005 के बाद विधानसभा खाजूवाला पंचायत समिति बनी, सिविल कोर्ट दफ्तर खोला, सिंचाई विभाग के बड़े दफ्तर और शिक्षा विभाग, चिकित्सा के ब्लॉक स्तर के कार्यालय, राजस्व अपील अधिकारी, कैंप, अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायाधीश एवं केंद्रीय विद्यालय, महाविद्यालय, आईटीआई कॉलेज खुले तथा नगरपालिका कार्यालय बना। इसके साथ ही मंडी विकास के पथ पर अग्रसर हुई। इसी दौरान इसे अनूपगढ़ जिले में शामिल करने की रिपोर्ट उपखंड स्तर खाजूवाला से राज्य सरकार को भेजी गई है।
खाजूवाला-बीकानेर से 120 किमी. दूरी पर स्थित है, जिसकी भौगोलिक स्थिति बीकानेर जिले के साथ संबंध रखती है। साथ ही बीकानेर के यातायात साधन शुभम है और विभिन्न दफ्तरों में कर्मचारीगण बीकानेर से संबंधित हैं। जबकि अनूपगढ़ की दूरी भी बीकानेर के बराबर ही है। खाजूवाला को अनूपगढ़ में शामिल करने से कोई विशेष लाभ नही होने वाला है। जिसके मद्देनजर खाजूवाला उपखंड से काफी व्यापारिक, धार्मिक व सामाजिक संगठनों ने विरोध स्वरूप उपखंड अधिकारी के माध्यम से आपत्तियां एवं ज्ञापन प्रेषित किए हैं तथा इसी क्रम में आम जन में आक्रोश है। 28 मार्च को विरोध स्वरूप खाजूवाला, दंतोर व मंडी 465 आरडी के बाजार पूर्णतया बंद रहे थे। उपखंड खाजूवाला को अनूपगढ़ में शामिल किए जाने से खाजूवाला को काफी नुकसान होगा। सरकार द्वारा क्षेत्र में पिछले 40 वर्षों से स्थापित किए गए काफी विभाग मर्ज हो जाएंगे।
जिसमें खाजूवाला विधानसभा, पंचायत समिति, उप पुलिस अधीक्षक कार्यालय, अधिशासी अभियंता जल संसाधन खंड, अधिशासी अभियंता जोधपुर विद्युत वितरण निगम, अतिरिक्त जिला एवं सेशन न्यायालय, वरिष्ठ सिविल न्यायालय, उपनिवेशन विभाग, राजस्व अपील प्राधिकारी, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय बंद होने की संभावना है। इस प्रकार क्षेत्र में हुए वर्षों से विकास कार्य खत्म हो जाएंगे तथा क्षेत्र में आमजन को सरल व सुलभ मिलने वाली समस्त सुविधाएं खत्म हो जाएगी। यदि आमजन की भावना को दरकिनार कर खाजूवाला को नवसृजित जिला अनूपगढ़ में शामिल किया जाएगा। तो क्षेत्र में भारी आक्रोश व रोष पैदा हो जाएगा तथा आमजन आंदोलन के लिए सड़कों पर आ जाएंगे।