कनिष्ठ अभियंता अपनी मांगों को लेकर है जयपुर में धरने पर
(लूणाराम वर्मा)
महाजन, प्रदेशभर के विद्युत वितरण निगम के कनिष्ठ अभियंताओं द्वारा वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर जयपुर में विद्युत भवन के आगे 13 जून से दिए जा रहे धरने का असर ग्रामीण क्षेत्र की विद्युतापूर्ति पर साफ दिखाई पड़ने लगा है। सोमवार को पहले ही दिन क्षेत्र के सभी कनिष्ठ अभियंता धरने में चले गए जिससे पूरे क्षेत्र की विद्युतापूर्ति बुरी तरह से प्रभावित हो गई। आखिरकार रात करीब साढ़े दस बजे जैसे तैसे आपूर्ति बहाल हुई।
गौरतलब है कि वेतन विसंगति सहित अपनी अन्य मांगों को लेकर विद्युत निगम के सभी कनिष्ठ अभियंता जयपुर में धरने पर है। जिसका असर ग्रामीण क्षेत्र की विद्युतापूर्ति पर पड़ने लगा है। सोमवार को राजियासर के 132 केवी जीएसएस से महाजन, अरजनसर सहित क्षेत्र के करीब पचास से अधिक गांवों की बिजली 33 केवी के दो नंबर फीडर में फाल्ट के नाम पर दोपहर को बंद कर दी गई। शाम तक भी आपूर्ति बहाल नहीं होने पर निगम के कर्मचारियों व जागरूक उपभोक्ताओं ने राजियासर जीएसएस में संपर्क किया तो लाइन फाल्ट बताई गई। क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ताओ, जनप्रतिनिधियों आदि ने रात करीब दस बजे तक निगम के सहायक अभियंता, अधिशाषी अभियन्ता, अधीक्षण अभियंता सहित प्रशासनिक अधिकारियों को मामले की जानकारी देते हुए आपूर्ति बहाल करवाने की मांग की। परंतु राजियासर जीएसएस में कार्यरत कर्मचारियों व अधिकारियों ने कनिष्ठ अभियंता या इससे ऊपर के अधिकारी के राजियासर जीएसएस पर आकर 33 केवी के दो नंबर फीडर की लाइन सही होने का लिखित में देने पर ही आपूर्ति सुचारू करने की बात कही। ऐसे में मामला पेचीदा हो गया। निगम के कनिष्ठ अभियंता धरने पर जयपुर में होने से राजियासर जाकर लिखित में कौन दे। आखिरकार 50 गांवों के उपभोक्ताओं की परेशानी को देखते हुए राजियासर जीएसएस के अधिकारियों ने लाइन चालू कर दी।
यह है नियम-132 केवी जीएसएस से 33 केवी की लाइन फाल्ट होने पर कनिष्ठ अभियंता द्वारा मौके पर पहुंच कर लाइन क्लियर होने का लिखित में देने पर ही आपूर्ति सुचारू की जाती है।
धरने पर डटे है प्रदेश के कनिष्ठ अभियंता-दूसरी तरफ लगातार दूसरे दिन भी पावर इंजीनियर्स का धरना जयपुर में जारी रहा।कनिष्ठ अभियंता अपनी प्रमुख मांगों को लेकर सीएमओ लेवल तक वार्ता कर चुके है परंतु कोई लिखित आश्वासन नहीं मिला है। मंगलवार को प्रशासन के आग्रह पर धरना विद्युत भवन से जगतपुरा स्थित हरी गार्डन में शिफ्ट कर दिया है जहां हजारों अभियंताओं का जमावड़ा जारी है। बीकानेर के सभी कनिष्ठ अभियंता धरने में शामिल है। जिससे जिले के ग्रामीण क्षेत्रों की विधुत व्यवस्था पर लगातार प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। बिजली इंजीनियर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष कालूराम प्रजापत ने बताया कि कनिष्ठ अभियंता पिछले 12 सालो से अपनी वेतन विसंगति दूर करने के लिए लड़ाई लड़ रहे है। परंतु किसी भी सरकार ने मांगों पर ध्यान नहीं दिया।