











खाजूवाला, क्षेत्र में लगातार बरसात का दौर जारी रहने से बुधवार रात्रि को बरसात कहर लेकर आई और तीन की जिन्दगी लील गई। दंतौर क्षेत्र में मुसलधार बरसात से मकान की छत गिरने से दम्पत्ति और पुत्र मलबे में दब कर मौत के आगौश में हमेशा के लिए सौ गये। घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन मौके पर पहुंचा तथा शवों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया और पोस्ट मार्डम करवा कर शव परिजनों को सौंपे गये। आपदा प्रबंधन एवं सहायता मंत्री गोविन्दराम ने अपने कार्यकर्त्ताओं को मौके पर भेजा तथा शुक्रवार को मुख्यमंत्री से वार्ता कर राज्य सरकार की तरफ से मिलने वाली प्रत्येक सहायता परिवार को दिलवाई जाने की बात कही। पंचायत समिति प्रधान पति धर्मपाल बिरड़ा भी सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंचे।
मौसम विभाग के अलर्ट के अनुसार खाजूवाला उपखण्ड क्षेत्र में लगातार मुसलाधार बरसात का दौर जारी है लेकिन बुधवार की रात्रि को दंतौर क्षेत्र में मुसलाधार बरसात और तेज गर्जन से इस कदर कहर ढायेगी, ये शायद किसी ने सोचा भी नहीं होगा। चक 25 बीएलडीए निवासी महावीर, उसकी पत्नि सावित्री तथा पुत्र योगेश तीनों हमेशा की तरह बुधवार रात्रि को भी खाना खाकर सौ गये, उन्हें क्या पता था कि आज हमारी आखिरी रात है और हम अब कभी नहीं उठेंगे। बुधवार रात्रि को तेज गर्जना के साथ बिजली चमकती रही और मुसलाधार बरसात से कच्चा मकान गिर गया। छत में लगे लोहे के भारी भरकम गाटर, बलियों तथा मिट्टी के वजन से तीन जिन्दगिया हमेशा के लिए गहरी नींद में सौ गई। राजूराम पुत्र नन्दराम ने बताया कि मेरा भाई महावीर (40 वर्ष) पुत्र नन्दराम, भाभी सावित्रीदेवी (38 वर्ष) पत्नि महावीर और मेरा भतीजा योगेश (13 वर्ष) पुत्र महावीर जाति कुम्हार निवासी 25 पीटीडी हाल 25 बीएलडीए मेरे खेत में रहते थे तथा कास्त करते थे। पिछले 10-12 वर्षों से यही पर ही रह रहे थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि रात्रि लगभग साढ़े बारह बजे तक तो बिजली की गर्जन से बाहर सोये हुए नजर आ रहे थे लेकिन तेज बरसात के कारण जब अन्दर मकान में सोने के लिए गये तो उसके बाद रात्रि को अचानक छत गिरने से मलबे में तीनों दब कर मौत के मुंह में चले गये। महावीर के सिर पर लोहे का गाटर लगने से शायद तुरंत ही मृत्यु हो गई वहीं योगेश भी अपने पिता के पास ही मलबे में मृत पाया गया। सावित्री देवी ने शायद फोन करने का प्रयास किया क्योंकि हाथ में फोन था, इससे लगता है कि छत गिरने पर उसने बचाने के लिए प्रयास किया लेकिन ईश्वर ने उसे फोन करने का मौका ही नहीं दिया और वह भी मलबे में दब गई। राजेन्द्र कुमार, सुभाष सेवटा, मदनसिंह, सुखराम एवं कास्तकार बन्तासिंह को सबसे पहले पता चला तो उन्होंने राजूराम पुत्र नन्दराम जाति कुम्हार निवासी 25 पीटीडी मृतक महावीर के भाई और पुलिस को सूचना दी। थानाधिकारी हरपालसिंह तुरंत घटना स्थल पहुंचे तथा उच्चाधिकारियों को सूचना दी। उपखण्ड अधिकारी श्योराम, पुलिस उपअधीक्षक अंजुम कायल, तहसीलदार डॉक्टर गिरधारीसिंह, हल्का पटवारी तथा समस्त सरकारी मशीनरी मौके पर पहुंच गई। ग्रामीणों और पुलिस के सहयोग से शवों को मलबे से बाहर निकाला गया और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खाजूवाला मोर्चरी में रखवाया गया। मृतक के भाई और ग्रामीणों की मौजूदगी में चिकित्सकों द्वारा शवों का पोस्ट मार्डम किया गया और शव परिजनों को सौंपे गये। दत्पत्ति और बच्चे की मृत्यु के समाचार से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है तथा हर आंख नम रही। राजूराम अपने भाई, भाभी तथा भतीजे को शवों को 25 पीटीडी (रायसिंहनगर) ले गये वहीं पर दांह संस्कार किया।

