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नई दिल्ली, कोरोना काल में WWE के करोड़ों फैन्स को थोड़ी निराशा जरूर हुई है लेकिन कंपनी ने रेस्लिंग जारी रखी है। WWE में रेसलिंग के दौरान खतरनाक दांव-पेच और लहूलुहान कर देने वाली फाइट को देखकर फैन्स भी जोश से भर जाते हैं। लेकिन फिर दिमाग में कई सवाल भी उठते हैं।
जैसे, क्या रेफरी को फाइट में कौन जीतने वाला है इसकी पहले से जानकारी होती है? क्या लड़ाई में हारने वाले को ज्यादा पैसे मिलते हैं? रेसलर्स को लगने वाली चोट और निकलने वाला खून असली होता है?

WWE में सभी स्टार्स की फेस वैल्यू अलग-अलग होती है। इस समय WWE में रोमन रेंस सबसे बड़े स्टार हैं। यानी वर्तमान समय में अगर रोमन रिंग में उतरते हैं तो वो हारें या जीतें, उन्हें पैसा उनके फेस वैल्यू के आधार पर ही मिलेगा। यही कारण है कि कई बार हारने वाले खिलाड़ी को ज्यादा पैसे मिलते हैं क्योंकि उसकी फेस वैल्यू ज्यादा होती है।

क्या है WWE के हथियारों की सच्चाई?

WWE रेसलिंग के दौरान कई बार दर्शकों को हथौड़ा, डंडा, कुर्सी समेत कई अलग-अलग भारी भरकम हथियार भी दिखते हैं। इन हथियारों का इस्तेमाल रेसलर एक दूसरे पर हमला करने के लिए करते हैं। लेकिन इनकी कहानी हाथी के दांत दिखाने के और, खाने के और वाली होती है, क्योंकि ये हथियार जितने मजबूत दिखते हैं उतने होते नहीं। रिंग के आस-पास रखीं कुर्सियां काफी हल्की होती हैं। हालांकि, रिंग में इस्तेमाल होने वाले सभी हथियारों के इस्तेमाल की ट्रेनिंग पहले ही दे दी जाती है ताकि ज्यादा चोट न लगे।

WWE में होने वाली 99 फीसदी रेस्लिंग फिक्स होती है। फिल्मों की कहानी की तरह इनके लिए एक कहानी तैयार की जाती है और उसी कहानी के आधार पर रेसलर्स आगे बढ़ते हैं। इसमें पहले ही तय हो जाता है कि कौन जीतेगा और किसे हार का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, कई रेसलर्स ऐसे भी होते हैं जिन्हें कहानी खुद तय करने की आजादी होती है क्योंकि कंपनी यानी WWE को उन पर भरोसा होता है।

स्क्रिप्ट के आधार पर लड़ते हैं रेसलर्स :-

स्क्रिप्ट के अनुसार लड़ते समय रेसलर्स से गलती नहीं होती, तो इसका जवाब है यह कि रेसलर्स काफी प्रोफेशनल होते हैं, साथ ही उनके पास गलती करने का मौका नहीं होता है। उन्हें फाइट की ट्रेनिंग मिली होती है। बकायदा वो रेसलिंग स्कूल से इसके लिए ट्रेंड होकर आते हैं। ट्रेनिंग के दौरान उन्हें फाइट की चालाकियों के बारे में बताया जाता है, जिससे फाइट बिल्कुल रियल लगे और रोमांच बना रहे। बता दें कि WWE ब्रांड एक एंटरटेंमेंट ब्रांड है. इसका मुख्य मकसद लोगों का मनोरंजन करना है।

स्क्रिप्टेड होने के बावजूद रेसलिंग के दौरान कई बार पहलवानों को सच में चोट लग जाती है। यही नहीं उनके शरीर या चेहरे से निकलने वाला खून भी रियल होता है। हालांकि, मुंह से खून निकालने के लिए वो ब्लड कैप्सुल्स का इस्तेमाल करते हैं। इसे वो मुंह में ही रखते हैं और स्क्रिप्ट के अनुसार तय समय पर उनके मुंह से खून गिरने लगता है।