नशे के शिकंजे में फंसता जा रहा है युवा वर्ग, नशे की लत से राह भटक रही है युवा पीढ़ी

सीमावर्ती क्षेत्र बन रहा है नशे के परिवहन का मार्ग

खाजूवाला, जिस उम्र में युवकों को अपने भविष्य की किताब उठानी चाहिए, अपने पूरे जीवन का आधार बनाना चाहिए उसी उम्र में युवा वर्ग नशे की गर्त में जा रहे है। यह मात्र सोचने में ही भयावह लगता है लेकिन सीमावर्ती क्षेत्र के सैकड़ों युवा इस गर्त भरी दूनिया में डूबते जा रहे है। सीमावर्ती क्षेत्र में नशे का कारोबार इतनी तेजी से फल फूल रहा कि मानों आने वाले समय में हर तीसरा युवा इसकी चपेट से अछुता नहीं रह पाएगा। सीमावर्ती क्षेत्र खाजूवाला अब इन तस्करों के लिए रूट बनता जा रहा है। हालांकि पुलिस इन ऐसे तस्करों पर कड़ी नजर रहती है लेकिन फिर भी यहां नशे का व्यापार पहले से कई गुना ज्यादा हो गया है।

सीमावर्ती क्षेत्र खाजूवाला में नशे का अवैध कारोबार तेजी से पहप रहा है। नशे का अवैध कारोबार करने वाले तस्करों के लिए इन दिनों बीकानेर जिले के पाकिस्तान सीमा के नजदीक मण्डियां ठिकाना बन चुकी है। वहीं इन दिनों खाजूवाला क्षेत्र इनके लिए सबसे सुरक्षित रूट भी शाबित हो रहा है। खाजूवाला, पूगल, छतरगढ़ दंतौर व श्रीगंगानगर के रावला क्षेत्र जो सीमा के नजदीक मण्डियां है यहां नशे का अवैध कारोबार फलफूल रहा है। यहां युवा नशे के लिए शराब, सिगरेट, अफीम, डोडा-पोस्त तो मानों आम बात हो गई है और इसका नशा करने वाला युवा मानों ये नशा करके अपने आप को गौरान्वित भी महसूस करता है। वहीं सीमावर्ती क्षेत्र में नशीली गोलियां, चिट्टा जैसे नशों का व्यापार भी फल-फूल रहा है। सीमावर्ती क्षेत्र में अमल, डोडा-पोस्त तो आम नशा माना जाने लगा है वहीं चिट्टा जिसे सबसे भयानक नशा माना जाता है वह भी इस क्षेत्र में युवा पीढ़ी को खराब करने के लिए कुछ लोग कारोबार कर रहे है।

नशे के व्यापार में पड़ रहे युवा:-
सीमावर्ती क्षेत्र खाजूवाला के बहुत से युवा नशे की लत में पड़ते जा रहे है। जिनको रोजाना नशा करने के लिए रुपयों की जरूरत रहती है। जिसके चलते अब युवा वर्ग नशे के कारोबार में उतर गए है। कुछ ऐसे युवा है जो रोजाना नशे का कारोबार करके दूसरे लडक़ों को बिगाड़ रहे है। जिनपर पुलिस की कड़ी नजर भी रहती है। समय-समय पर पुलिस कार्यवाही तो करती है लेकिन यह कार्यवाही नशे के कारोबार पर पूर्णविराम लगाने में असमर्थ सी शाबित हो रही है।

नशे के कारोबार की इन मार्गों से तस्करी:-
सीमावर्ती क्षेत्र में नशीले पदार्थो की अवैध तस्करी के लिए अपराधियों ने मार्ग बना रखे है। जिनमें इ.गा.न.प. के पटड़े पर चारणवाला, बज्जू, आरडी 860 हैड, सत्तासर, छतरगढ़ से बिरधवाल होते हुए सुरतगढ़, श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ होते हुए अन्य राज्यों तक माल पहुंच रहा है। वहीं दूसरा रास्ता जोधपुर की ओर से आने वाले तस्कर भारत माला सडक़ का उपयोग कर चारणवाला, गौडू, आरडी 95, बरसलपुर, जग्गासर, दंतौर, खाजूवाला से होते हुए रावला, घड़साना, अनुपगढ़ होते हुए श्रीगंगानगर पहुंचकर अन्य राज्यों तक जाते है। ऐसे में स्थानीय कुछ युवा इन तस्करों के लिए रेकी भी करते है। ये तस्करी का माल पास करवाने के लिए रैकी कर माल तस्करी में मदद भी करते है।

बाहरी नम्बर लग्जरी गाडिय़ों में हो रही है तस्करी:-
नशे का कारोबार करने वाले लोग अन्य राज्यो से सस्ती गाड़ी खरीदकर तस्करी करते है। ये लग्जरी गाडिय़ों का उपयोग भी कर रही है। जिससे पुलिस को चकमा देने के लिए ये लग्जरी गाडिय़ां रखते है तथा ये तस्कर एक गाड़ी में माल रखकर बाकी एक-दो गाडिय़ां आगे पीछे रखते है। जिससे रैकी भी की जा सके। लग्जरी गाडिय़ों पर शक नहीं होने के कारण ये नशीले पदार्थ ले जाने में सफल भी हो जाते है। ऐसे में पुलिस द्वारा कार्यवाही कर ऐसे कई वाहन पकड़े है। जिन लग्जरी गाडिय़ों में तस्करी की जा रही थी। इन मार्गों से हरियाण पंजाब के तस्कर लग्जरी गाडिय़ों का उपयोग कर तस्करी को अन्जाम देते है।

प्रतिबन्धित क्षेत्रों में बढ़ी गतिविधियां:-
यूँ तो खाजूवाला सीमावर्ती क्षेत्र होने के चलते प्रतिबन्धित क्षेत्र भी है। जहां बाहरी व्यक्ति को आने-जाने की इजाजत लेनी होती है। लेकिन अब जब ये रूट बन चुका है तो इस मार्ग से बाहरी नम्बरों की गाडिय़ों का आना-जाना बढ़ा है। जिसके चलते राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंता भी अब सताने लगी है। एक वर्ष पूर्व अन्र्तराष्ट्रीय भारत-पाक बॉर्डर से हेरोईन की तस्करी पंजाब के नामी तस्करों द्वारा की गई। जिसे बीएसएफ ने नाकामयाब तो कर लिया लेकिन अब इन तस्करों की नजर इस शांत क्षेत्र पर पड़ चुकी है जो कि सुरक्षा की दृष्टी से सही नहीं है। वहीं बाहरी नम्बरों के वाहनों की नियमित जाँच हो तो इनका आना-जाना भी कम हो सकता है।

खाजूवाला पुलिस द्वारा पिछले चार माह में की गई कार्यवाही:-
खाजूवाला पुलिस नशे के खिलाफ समय-समय कार्यवाही करती है। एक समय था जब इस क्षेत्र में नशे का कारोबार नहीं था लेकिन अब नशे का कारोबार बढ़ रहा है। जिसपर पुलिस की पैनी नजर है। जिसके चलते पुलिस ने जनवरी 2022 से अप्रेल तक 12 मामलों में कार्यवाही की है। पुलिस ने जनवरी में 3, फरवरी में 5, मार्च में 2 व अप्रेल में 2 कार्यवाही की है। जिसमें पुलिस ने कुल 20 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने कार्यवाही करते हुए 2 क्विंटल 70 किलो 800 ग्राम डोडा पोस्त पकड़ा है। वहीं 30.40 ग्राम चिट्टा (स्मैक) पकड़ा है। पुलिस नशे के कारोबार में शामिल 5 गाडिय़ां व 1 मोटरसाईकिल को भी जब्त किया है।

इनका कहना है:-
सीमावर्ती क्षेत्र में किसान मजदूर वर्ग उजड़ रहा है। कृषि क्षेत्र को बचाने के लिए नशे पर रोक लगनी चाहिए। क्षेत्र में नशा प्रवृति बढ़ती जा रही है। जिसमें क्षेत्र के युवा वर्ग इसकी चपेट में आ रहा है। युवाओं में नशा प्रवृति बढऩे से सामरीक दृष्टि से बाहरी शक्तियां इनपर हावी हो सकती है। इस सम्बन्ध में उच्चाधिकारी से मांग की जाती है कि इस क्षेत्र में नशे के खिलाफ विशेष अभियान चलाकर चैक पोस्ट लगाई जाए। ताकि नशा इस क्षेत्र में बन्द हो सके। वहीं पकड़े जाने वाले आरोपियों पर प्रभावी कार्यवाही होनी चाहिए। वहीं पुलिस को भी गस्ती बढ़ानी चाहिए।

मनीराम गोदारा
व्यापारी, खाजूवाला

इनका कहना है:-
खाजूवाला पुलिस द्वारा नशे के खिलाफ लगातार कार्यवाही की जा रही है। सूचना मिलते ही पुलिस कार्यवाही करती है। वहीं आगे भी कार्यवाही जारी रहेगी। कुछ लोग पुलिस की टारगेट में है जिनपर भी प्रभावी कार्यवाही पुलिस द्वारा की जाएगी।
अरविन्द सिंह शेखावत
थानाधिकारी, खाजूवाला।