खाजूवाला पुलिस व प्रशासन है मौन, प्रशासन मजदूरों को भेजकर अपने गले से निकालना चाहता है फांस, ऑवरलोड सवारियों से भरी गाडिय़ां निकल रही है लेकिन पुलिस नहीं रोकती ऐसे वाहनों को
खाजूवाला, देश में जब से लॉक डाऊन में कुछ ढ़ील सरकार द्वारा दी है तब से ही मोहनगढ़ व नाचना की ओर से हजारों मजदूरों का श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ तथा पंजाब हरियाणा जाने का सिलसिला शुरू हो गया। ऐसे में पहले तो मजदूर का झुण्ड पैदल चलकर आता था। जिसे खाजूवाला रोका गया व कई मजदूर ताक नहर के पटड़े के सहारे निकल भी गए। लेकिन जब से लॉक डाऊन में ढ़ील मिली है तब से इन मजदूरों को बसों, पिकअप, कैम्पर आदि वाहनों के माध्यम से इनके घरों तक पहुंचाने का कार्य प्रशासन द्वारा किया जा रहा है। लेकिन मजदूर तो मजदूर होते है। इनकी जिन्दगी भी अजीब है, जब यह आए तब भी भेड़ बकरियों की तरह बस में भरकर आए और आज जब कोरोना संक्रमण दौर में फंस गए तो भी इनका हषर वही हुआ। ऐसे में प्रशासिक अधिकारी भी इन मजदूरों की जान जाखिम में डालकर अपने गले की हड्डी निकालने में लगे हुए है। जिसमें सरकार द्वारा बनाई गई गाईड लाईन की कोई पालना नहीं हो रही है।

सरकार द्वारा दो दिन पूर्व लॉक डाऊन में ढ़ील दी गई। जिससे श्रीगंगानगर व पंजाब जाने वाले मजदूरों को अब खाजूवाला, बज्जू आदि प्रशासनिक अधिकारी घर छुड़वाने का कार्य तो कर रहे है लेकिन इसी बीच उन मजदूरों के साथ बड़ा अन्याय यह हो रहा है कि उनसे घर छोडऩे के नाम पर रुपए ठगे जा रहे है। ऐसे खाजूवाला चौराहे पर बुधवार कई उदाहरण देखे गए। लेकिन प्रशासिक अधिकारी जैसे मौन धारण किए हुए है। जबकि कुछ भामाशाहों का कहना है कि वे इन वाहनों में डीजल की व्यवस्था करवाकर मजदूरों को उनके घर छुड़वा रहे है लेकिन मजदूरों से फिर वाहन चालक किस नाम का रुपए ले रहे है। बुधवार को एक कैम्पर गाड़ी में सवार मजदूर से पूछा तो मालूम हुआ कि वह बज्जू गौकुल आदि क्षेत्रों से आए है। इनसे वाहन चालकों ने गंगानगर छोडऩे के 9 हजार रुपए लिए है 19 मजदूर एक कैम्पर गाड़ी में भेड़-बकरी की तरह ठुस कर आए। मजदूरों से वाहन चालक ने कहा कि उसके पास उपखण्ड अधिकारी का पास है तब मजदूरों ने वाहन चालक को पैसे भी दे दिए। वहीं एक बस दंतौर से रवाना होकर श्रीगंगानगर जा रही थी। जो खाजूवाला रूकी। देखा गया कि सरकार के किसी भी नियम का इस बस में पालना नहीं हुई। ऐसे में उस बस को उपखण्ड अधिकारी द्वारा मात्र 18 मजदूरों को भेजने का पास दिया था लेकिन बस में कुछ संख्या 109 से भी अधिक थी। जबकी इस सम्बन्ध में पुलिस भी मौन पड़ी है। पुलिस ऐसे वाहनों को न तो रूकवा रही है और न ही पूछताछ कर रही है। अगर ऐसे ही चलता रहा तो संक्रमण फैल सकता है और हालात बद से बदतर हो सकते है।
वर्जन
खाजूवाला के दंतौर व खाजूवाला से लगभग 150 मजदूरों को भामाशाहों की मदद से गन्तव्य तक पहुंचाने का कार्य किया गया है। जिसमें से बसों को 18 मजदूर ले जाने व अन्य वाहनों को 5 मजदूर ले जाने के लिए पास जारी किए गए है। बसों द्वारा अधिक संख्या में मजदूर ले जाने की शिकायत मिली है। जिसकी जाँच पड़ताल की जाएगी। दूसरे राज्यों के मजदूरों को यहां राहत शिविर में रोक रखा है। जिसमें 125 से अधिक श्रमिक यहां रूके हुए है।
संदीप काकड़
उपखण्ड अधिकारी, खाजूवाला