सोमवार दोपहर 2 बजे तक की चेतावनी, अनूपगढ़ जिला कलक्टर के बयान से धरनार्थियों में रोष

खाजूवाला, खाजूवाला बचाओं संघर्ष समिति के तत्वावधान में जनआन्दोलन का एक सप्ताह हो गया है। लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई है बावजूद इसके आमजन धरना स्थल पर डटे हुए हैं। रविवार को धरना स्थल से जैसे ही गिरफ्तारियां देने की घोषणा हुई, युवाओं में गिरफ्तारियां देने को लेकर काफी उत्साह देखा गया। सायंकाल को अचानक तीन युवक पानी की टंकी पर चढ़ गये और सोमवार 2 बजे तक की चेतावनी दी गई। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों व प्रबुद्धजनों द्वारा समझाईश करने पर युवक टंकी से नीचे उतरे।
पिछले एक सप्ताह से खाजूवाला की आम जनता सडक़ों पर है, अनूपगढ जिले में शामिल करने का विरोध लगातार बढ़ता ही जा रहा है। सुबह से ही धरना स्थल पर भीड़ जमा होनी शुरू हो जाती है। जनआन्दोलन के दौरान धरना-प्रदर्शन, घेराव, गिरफ्तारियां सब कुछ किया जा रहा है। बाजूवद इसके कोई सुनवाई नहीं हो रही। रविवार को गिरफ्तारियां देने का था और दोपहर लगभग एक बजे जैसे ही मंच से गिरफ्तारियांं देने की घोषणा हुई, तो युवाओं में उत्साह देखने वाला था। सबसे आगे आकर युवाओं ने गिरफ्तारियांं देनी शुरू की। सैकड़ोंं की संख्या में युवक बुजूर्ग तथा आम किसान व्यापारी नारेबाजी करते हुए बसों में चढ़े। सभी ने एक ही नारा लगाया कि हम अपना हक मांगते। पुलिस-प्रशासन ने आन्दोलनकारियों को बसों में भरकर अलग-अलग जगहों पर छोड़ा। खाजूवाला से बीकानेर रोड़, रावला रोड़, पंचायत समिति रोड़ आदि जगहों पर आन्दोलनकारियों को छोड़ा गया।
गिरफ्तारियां देने के बाद सभी आन्दोलनकारी सभा स्थल पर पहुंचे तथा अलग-अलग वक्ताओं ने सभा को सम्बोधित करते हुए कहा कि खाजूवाला और छत्तरगढ़ की जनता सडक़ों पर तथा अपने हक की लड़ाई लड़ रही। खाजूवाला और छत्तरगढ़ की जनता अनूपगढ़ जिले में नहीं जाना चाहती। लेकिन जानबूझ कर हमें धकेला जा रहा है, जो कि हम किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं करेंगे। सभा के बाद अतिरिक्त जिला कलक्टर प्रियंका को संघर्ष समिति द्वारा ज्ञापन देकर मांग की गई कि खाजूवाला को बीकानेर जिले में ही रखा जाये। इसी दौरान धरनार्थियों ने जिला कलेक्टर अनूपगढ़ के बयान पर रोष प्रकट किया तथा कहा कि प्रशासन का कत्र्तव्य है वे हमारी मांगों को सही रूप से ऊपर पहुंचाएं ताकि समस्या का समाधान हो सके। तभी सूचना मिलती है कि जलदाय विभाग की टंकी पर कुछ युवक चढ़ गए है। टंकी के ऊपर राजेश गोदारा, नरेश सहारण, राजपाल सहारण टंकी के ऊपर चढ़ जाते है। बाद में उन्हे समझाईस करके नीचे उतारा गया।

धरना स्थल पर वक्ताओं के भाषण में जोश-
धरना स्थल पर अलग-अलग वक्ता अपने-अपने भाषण में पूरे जोश के साथ अपनी मांगों को रख रहे हैं। समस्त वक्ताओं का कहना है कि जब हम अनूपगढ़ जिले में नहीं जाना चाहते तो सरकार हमें जबदरस्ती क्यों भेजना चाहती है। खाजूवाला और छत्तरगढ के लोग पिछले एक सप्ताह से सडक़ों पर हैं और सरकार सुनवाई नहीं कर रही है। हम शांति पूर्वक आन्दोलन कर रहें। सरकार अगर हमारी मांगों की तरफ ध्यान नहीं देगी तो आन्दोलन को और तेज किया जाएगा।

सैकड़ों लोगों ने दी गिरफ्तारियां-
संघर्ष समिति के आह्वान पर रविवार को सैकड़ों लोगों ने गिरफ्तारियां दी है। सुबह से ही धरना स्थल पर लोगों की काफी भीड़ उमडऩी शुरू हो गई तथा युवाओं में विशेष उत्साह देखने को मिला। जैसे ही धरना स्थल पर मंच के माध्यम से गिरफ्तारियां देने का ऐलान हुआ। तो सभी लोग पुलिस थाना चौराहा की तरफ कुच करना शुरू कर दिया। पुलिस थाने के सामने जाकर लोगों ने जमकर नारेबाजी की। युवाओं ने भयंकर गर्मी के बावजूद भी लगभग आधा घंटा तक नारेबाजी करने के बाद बसों में बैठे। पुलिस-प्रशासन ने आन्दोलनकारियों को बसों में भरकर बीकानेर रोड़, रावला रोड़ तथा दंतौर रोड़ पर छोड़ दिया। थानाधिकारी रामप्रताप वर्मा के अनुसार कुल 225 जनों की गिरफ्तारियां हुई वहीं संघर्ष समिति का कहना है कि 500 से अधिक लोगों ने गिरफ्तारियां दी है।

ज्ञापन देते समय जताई नाराजगी-
खाजूवाला को जिला बनाने या फिर बीकानेर जिले में ही यथावत रखन की मांग को लेकर रविवार को लोगों ने उपखण्ड अधिकारी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया। वहीं ज्ञापन देते समय धरनार्थियों ने शनिवार को हुई रैली के बारे में बताते हुए कहा कि जिला कलेक्टर अनूपगढ़ द्वारा बयान दिया गया कि खाजूवाला में 300 लोगों ने रैली निकाली जबकि यहां 300 से अधिक तो मात्र ट्रैक्टर ही थे। इसके अलावा वाहन अलग थे। यहां 5 हजार से अधिक लोगों ने रैली में भाग लिया और जिले की सबसे बड़ी अधिकारी ऐसे बयान दे रहे है तो हमें विश्वास नहीं हो रहा कि आप हमारी आवाज व मांग को जयपुर तक भेजते हो। खाजूवाला की मौका स्थिति की सही रिपोर्ट बनाकर ऊपर भेजों ताकि समस्या का समाधान हो सके।

तीन युवक चढ़े पेयजल टंकी के ऊपर, बाजार में लग गया मैला-
रविवार शांय को युवकों के पानी की टंकी पर चढऩे की सूचना मिली। खाजूवाला मण्डी के लोग तथा धरना स्थल पर बैठे सैंकड़ों लोग सब सब्जी मण्डी की तरफ आ गये। यहां युवकों द्वारा चेतावनी दी जाती है तथा खाजूवाला को जिला बनाने या बीकानेर जिले में यथावत रखने की मांग की जाती है। यहां से राजेश गोदारा द्वारा कहा जाता है कि अगर पुलिस ने ऊपर आने की कोशिश की तो हम तीनों टंकी के ऊपरी सिरे पर चढ़ जायेंगे और आत्महत्या करेंगे। गोदारा ने कहा कि पिछले एक सप्ताह से हम शांति पूर्वक धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं जबकि प्रशासन हमारी कोई सुनवाई नहीं कर रहा। उन्होंने टंकी के उपर से ही ऐलान करते हुए कहा कि सोमवार दोपहर 2 बजे तक का समय हम प्रशासन को दे रहे हैं। अगर हमारी मांगों को नहीं माना गया तो सोमवार को आन्दोलन को और ज्यादा तेज करेंगे। पुलिस-प्रशासन को जैसे ही पता चला कि तीन युवक पानी की टंकी पर चढ़ गये हैं, इनके हाथ-पांव फूल गये और संघर्ष समिति के पदाधिकारियों को कहा कि इन्हें समझाईश कर नीचे उतारो। संघर्ष समिति के पदाधिकारियो व प्रबुद्धजनों द्वारा काफी मशक्त की गई तथा समझाईश करने के बाद लगभग आधा घंटा बाद राजेश गोदारा, राकेश कुमार, राजपाल जलदाय विभाग की टंकी से नीचे उतरे। इस मौके पर यहां बड़ी संख्या में भीड़ एकत्रित हो गई। जो युवकों के साथ नारेबाजी करने लगी। वहीं पुलिस के अनुसार तीनों युवकों को शांतिभंग के आरोप में पाबन्द किया गया है।

पुलिस-प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद-
धरना-प्रदर्शन को लेकर पुलिस-प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। रविवार को संघर्ष समिति का ऐलान था कि हजारों लोगों द्वारा गिरफ्तारियां दी जाएगी, ऐसे में पुलिस-प्रशासन पहले से सतर्क था। पुलिस, आरएसी के जवानों को जगह-जगह तैनात किया गया था। पुलिस थाना चौराहा पर गिरफ्तारियों के समय चारों और पुलिस तथा आरएसी के जवान तैनात थे। किसी भी तरह की कोई अप्रिय घटना घटित ना हो, इसके लिए तीसरी आंख यानि ड्रोन कैमरे से पूरी निगरानी रखी जा रही है।