वर्ष 2010 में स्थापना के बाद निरंतर समाज के हित में जुटे है युवा
(लूणाराम वर्मा)
महाजन. भागदौड़ भरी जिंदगी व एक-दूसरे से प्रतिस्पद्र्धा के इस युग में जहां इंसान को इंसान के लिए ही समय नहीं है वहीं दूसरी तरफ लूणकरनसर उपखण्ड क्षेत्र में युवाओं का एक ऐसा संगठन पिछले दस साल से निरंतर समाज हित में निस्वार्थ भाव से कार्य करने में जुटा है। इस संगठन का नाम है टाइगर फॉर्स। उपखण्ड मुख्यालय सहित राजमार्ग पर आसपास के करीब 50-60 किमी के दायरे में कहीं भी सड़क हादसा होने पर इस संगठन के कार्यकर्ता तुरन्त मौके पर पहुंचकर घायलों की सुध लेते है।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष महिपाल सिंह राठौड़ ने बताया कि वर्ष 2010 में इस संगठन की स्थापना की गई थी। संगठन का मूल उदेशय है राजमार्ग पर सड़क हादसों में घायल होने वाले लोगों को तुरंत चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाना व पीडि़तों को राहत दिलवाना। राठौड़ ने बताया कि अब तक 200 से ज्यादा सड़क दुर्घटनाओं में सैकड़ों घायलों को घटनास्थल से अस्पताल पहुंचाकर मदद की। संगठन जीवों व पशुओं के प्रति भी संवेदनशील है। अब तक 1650 से ज्यादा घायल गोवंश को गौशाला भिजवा कर उनका इलाज करवाया है। साथ ही सैकड़ों घायल पक्षियों को रेस्क्यू सेंटर भिजवाया। उपखण्ड क्षेत्र में नहर या डिग्गियों में गिरने वाले लोगों को भी निकालने में यह संगठन आगे रहता है। लूणकरनसर क्षेत्र के 20 से ज्यादा क्षेत्र के गुमशुदा बच्चों को घर तक पहुंचाने का कार्य भी किया है।
अध्यक्ष राठौड़ ने बताया कि एक दुर्घटना में मृत व्यक्ति का शव असम तक निशुल्क पहुंचाने का कार्य भी किया है। आगजनी की विभिन्न घटनाओं पर मौके पर पहुंचकर आग पर काबू पाया है। हार्डकोर अपराधियों व चोरों को पकडऩे में पुलिस की मदद। क्षेत्र में दुर्घटनाओं के लिए निशुल्क रेस्क्यू एंबुलेंस सेवा, कोरोना रोगियों को बीकानेर व अन्य स्थान पर छोडऩे के लिए 108 के अलावा लूणकनसर में एकमात्र टाइगर फॉर्स टीम की एम्बुलेंस, जंगली जानवरों व हिरण शिकारियों को पकडऩे के लिए 24 घंटे तत्पर टीम। संगठन अध्यक्ष राठौड़ ने बताया कि पूरे उपखण्ड क्षेत्र में युवा इस टीम से जुड़े है एवं बिना किसी स्वार्थ के जनसेवा में तत्परता से लगे है।